अहमदाबाद: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में होने वाली हिंसक झड़प के बाद भारत के 20 सैनिकों की शहादत के बाद से चीन के इस हरकत के खिलाफ पूरे देश में गुस्से का माहौल दिखाई दे रहा है. लोग चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर चीन को उसी के भाषा में सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं. अहमदाबाद में करणी सेना के लोगों ने रिलीफ रोड पर मौजूद दुकानों को बंद कर चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
करणी सेना ने अहमदाबाद की सबसे बड़े मोबाइल बाजार परिसर में मौजूद दुकानों को जबरदस्ती बंद करा दी. करणी सेना ने दुकान बंद कराकर चीनी मोबाइल पार्ट्स की बिक्री का विरोध किया. कोरोना महामारी के बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने पर सोशल डिस्टेंसिंग कानून का उल्लंघन किया. इस मौके पर मौके पर मौजूद पुलिस भी मात्र और मात्र दर्शक बनी रही.
अहमदाबाद में कोरोना महामारी के प्रसार को लेकर जहां हाईकोर्ट ने रथयात्रा पर रोक लगा दी है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना कहर के बीच करणी सेना से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या में एक जगह पर जमा होकर सोशल डिस्टेंसिग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई. मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस भी सिर्फ तमाशा देखती रही है.
इस मौके पर करणी सेना के कार्यवाहक अध्यक्ष राहुल सिंह राजपूत ने कहा कि “हम लोग आज इस बाजार में सभी व्यापारियों को एक आवेदन देने के लिए आए हैं कि सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में अब से 2 पैसे ज्यादा कमाने की लालच में चीनी उत्पाद को न बेचें. फिलहाल जिन लोगों की दुकान में चीनी उत्पाद मौजूद हैं वह बेच दें लेकिन अब आइंदा चीनी उत्पादों को खरीदकर बेचने से बचें. दुकानदार अगर ऐसा नहीं करेंगे तो करणी सेना अपने असली रूप फिर से निवेदन देने आएगी.”
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