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रेप के आरोपी चिन्मयानंद को नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की कॉपी

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छात्रा के साथ रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद (Chinmayanand) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि आरोपी पक्ष को रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की कॉपी नहीं मिलेगी. शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के बयानों की कॉपी आरोपी चिन्मयानंद (Chinmayanand) को देने के आदेश को बुधवार को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर, 2019 के आदेश के खिलाफ फैसला सुनाया.

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़िता के बयानों की कॉपी आरोपी चिन्मयानंद (Chinmayanand) को दी जाए, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. इस आदेश में कहा गया था कि चिन्मयानंद CRPC (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने के हकदार हैं.

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कोर्ट ने 2014 के अपने पिछले फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक बलात्कार पीड़िता का बयान अधिमानतः एक महिला मजिस्ट्रेट के सामने सीधे 24 घंटे के भीतर दर्ज किया जाना चाहिए.

छात्रा ने लगाए हैं यौन शोषण के आरोप

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में यूपी के शाहजहांपुर में चिन्मयानंद (Chinmayanand) के ट्रस्ट की तरफ से चलाए जाने वाले कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद सितंबर में चिन्मयानंद (Chinmayanand) की गिरफ्तारी हुई थी.

चिन्मयानंद ने भी की है शिकायत

उधर जांच के क्रम में यह बात सामने निकलकर आई कि छात्रा और उसका एक दोस्त चिन्मयानंद (Chinmayanand) को काफी समय से ब्लैकमेल कर रहे थे. चिन्मयानंद (Chinmayanand) की शिकायत पर पुलिस ने छात्रा पर 5 करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल करने की FIR दर्ज की थी. यह मुकदमा अलग से चल रहा है. 3 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी.

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा था, ‘इस मामले में दोनों ही लोगों ने एक दूसरे का इस्तेमाल किया. यह कहना मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया है?’

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