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नागरिकता बिल: राज्यसभा में मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा, क्या कहता है अंक गणित

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लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पास करने के बाद सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में है. यह बिल राज्यसभा में आज दोपहर पेश किया जायेगा. सरकार सोमवार को यह बिल लोकसभा में 311 मतों से पास करवाने में कामयाब रही थी, लेकिन राज्यसभा में सरकार की राह आसान नहीं होगी. उच्च सदन में सरकार के पास बहुमत नहीं है. इसके चलते उसे अन्य दलों का साथ लेना ज़रूरी हो जाएगा. सरकार की रणनीति है कि जिस तरह तीन तलाक विधेयक और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का विधेयक राज्यसभा में पास करवाया था. उसी प्लान के तहत सरकार इस बिल को भी पास करवा लेगी.

शिवसेना के मांग के बाद बढ़ी मुश्किलें

नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है. शिवसेना ने कहा कि हमारी मांगों के तरफ जबतक सरकार ध्यान नहीं देगी तबतक इस बिल का विरोध किया जाएगा.

बीजेपी के साथ खड़े हैं ये दल

राज्यसभा में बीजेपी के 83, जेडीयू के 6, एआईएडीएमके के 11, बीजेडी के 7, एसएडी के 3, आरपीआई के 1, एलजेपी के 1, वाईएसआर कांग्रेस के 2, टीडीपी के 2, एजीपी के 1, बीपीएफ के 1, एनपीएफ के 1, एसडीएफ के 1, नॉमिनेटेड 3 सदस्य, निर्दलीय एवं अन्य 4 सदस्यों के साथ कुल 127 सांसद हैं जो बिल के पक्ष में वोट कर सकते हैं. लेकिन सरकार की तरफ के दो सांसद स्वास्थ्य कारणों की वजह से अनुपस्थित भी रह सकते हैं.

विपक्ष के समीकरण

बिल के विरोध में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, एनसीपी के 4, सपा के 9, आप के 3, बसपा के 4, सीपीआई के 1, सीपीएम के 5, डीएमके के 5, आईयूएमएल के 1, पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस एम के 1, एमडीएमके के 1, पीएमके के 1, आरजेडी के 4, शिवसेना के 3, टीआरएस के 6, 1 नॉमिनेटेड सदस्य और 2 निर्दलीय एवं अन्य के साथ कुल 113 राज्यसभा सदस्य हैं. विपक्ष के सभी सदस्य कल राज्यसभा में उपस्थित रह सकते हैं.