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उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी, चार दिनों में 228 लोगों की जान गई

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बर्फीली उत्तर-पश्चिम हवाओं के साथ शीतलहर ने प्रदेश का हाल बेहाल कर दिया है। बेरहम ठंड मे पिछले चार दिनों 228 लोगों की जान ले ली है। रविवार को प्रदेश में 68 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले शनिवार को 65, शुक्रवार को 48 और बृहस्पतिवार को 47 लोगों की ठंड के कारण जान चली गई थी.

कोहरा अधिक होने के कारण दिल्ली समेत उत्तर भारत में यातायात सर्विस प्रभावित हो रही है. दिल्ली एयरपोर्ट पर तीन फ्लाइट को डाइवर्ट कर दिया गया है, वहीं सभी यात्रियों से अपील की जा रही है कि वह फ्लाइट का स्टेटस जानने के लिए अपनी एयरलाइन के टच में रहें. स्पाइसजेट, इंडिगो की तरफ से ट्वीट कर यात्रियों को संपर्क में रहने की बात अपील की गई है.

सबसे ज्यादा 21 लोगों की मौत कानपुर में हुई। वहीं, बुंदेलखंड व आसपास के इलाकों में 22 लोगों की मौत हुई। ठंड से पूर्वांचल में आठ और अवध में 6 लोगों की मौत हुई। अमरोहा में चार, अलीगढ़ व हाथरस में दो और रामपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर में ठंड ने एक-एक की जान ले ली।

मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि सोमवार से प्रदेश में हवा का रुख बदलेगा। जम्मू-कश्मीर के पास विक्षोभ की स्थिति है। ऐसे में उत्तरी-पश्चिमी के बजाय दक्षिणी-पूर्वी हवा चलेगी। सुबह व रात को कोहरा बढ़ेगा। नए वर्ष में बारिश भी हो सकती है।

कानपुर। ठंड ने कानपुर में इस सीजन में दिन के तापमान क 48 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अधिकतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले 1971 में अधिकतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था।  हालांकि न्यूनतम पारा एक दिन पहले की अपेक्षा दो डिग्री बढ़कर 4.6 डिग्री पर आ गया। ठंड के चलते रोगियों के लिवर व गुर्दे फेल हो रहे हैं। सर्दी के रोगों के चलते रविवार को 21 और लोगों की मौत हो गई।

लगातार खराब हो रहे मौसम ने किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है। किसानों का मानना है कि यदि बारिश होती है, तो इससे दलहनी व तिलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है।