अहमदाबाद: कोरोना वायरस के संक्रमण के दिनों में लॉकडाउन के दौरान पाक रमजान माह की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में कई मरीज कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं, हालांकि अस्पताल में रहने के बावजदू कई मुस्लिम मरीज रोजा रख रहे हैं और साथ में खुदा की बंदगी भी कर रहे हैं. स्थिर हालत वाले कोरोना ग्रस्त कुछ मरीजों ने सिविल अस्पताल प्रशासन से रोजा रखने की गुहार लगाई थी.
जिसे लेकर सिविल प्रशासन ने तुरंत निर्णय लेकर रोजा रखने वाले रोजेदारों के लिए भोजन के समय में बदलाव किया गया है. इन मरीजों को सहरी के वक्त सुबह 3 बजे दूध, नींबू शरबत और फलाहार दिया जाता है वहीं शाम को इफ्तार के वक्त खजूर, दूध व जूस दिया जाता है. कोरोना वार्ड में दाखिल ये मरीज नियमित रूप से नमाज पढ़ते हैं.अस्पताल में उपचार ले रहे दरियापुर के इकबाल हुसैन के मुताबिक कोरोना के इस संकट के समय में जो जहां है वहीं से खुदा की इबादत करनी चाहिए.
एक अन्य मरीज आसिफ खान पठाण ने लोगों से अपील की कि इस महामारी के बीच किसी को बाहर नहीं निकलना चाहिए. उनका कहना है कि वे अपनी पत्नी व बच्चों से दूर अस्पताल में हैं. कोरोना की इस विकट परिस्थिति में लोगों को काफी सतर्कता बरतनी चाहिए. सिविल अस्पताल में दाखिल कोरोना ग्रस्त मरीजों के लिए फिलहाल यह अस्पताल ही इबादतगाह बन गया है. अन्य लोगों को भी अपने घरों में रहकर ही रमजान महीने में इबादत करनी चाहिए.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/sabartami-jail-administration-initiative-launched-e-meeting-system-for-prisoners-between-lockout/