विवादित पत्र मामले के बाद कांग्रेस (Congress) में बड़ी उथल-पुथल की खबर सामने आ रही है. कांग्रेस (Congress) ने पार्टी से नाराजगी जताने वाले सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर बड़ा फैसला किया है. आजाद को पार्टी ने महासचिव पद से हटा दिया है. उनके अलावा अंबिका सोनी, मोती लाल वोहरा, लुजेनियो फलारियो और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पार्टी महासचिव पद से हटाया गया है.
इन सभी नेताओं ने हाल ही में कांग्रेस (Congress) की पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे.
ताजा बदलाव के बावजूद मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी अब भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं. वहीं वर्किंग कमेटी से कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर, पृथ्वीराज चव्हाण और कपिल सिब्बल जैसे नाम भी गायब हैं.
सुरजेवाला को हुआ फायदा
इस फेरबदल में सबसे बड़ा फायदा राहुल गांधी के वफादार रणदीप सिंह सुरजेवाला को हुआ है. सुरजेवाला अब कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं.
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इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस (Congress) का महासचिव भी बनाया गया है. उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है. मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है.
किसे मिली, कहां की जिम्मेदारी
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस (Congress) महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा जितिन प्रसाद को कांग्रेस (Congress) ने पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है. मालूम हो कि विवादास्पद चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद भी थे.
23 सदस्यों ने दिखाए थे बागी तेवर
कांग्रेस (Congress) पार्टी में ये बड़ा फेरबदल उस घटना के एक महीने बाद हुआ है जब पार्टी के 23 वरिष्ठ सदस्यों ने बागी तेवर दिखते हुए कांग्रेस की आंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के आंतरिक चुनाव करवाने और पूर्णकालिक पारदर्शी नेतृत्व की मांग की थी.