गांधीनगर: सूरत नगर निगम 2021 के लिए मंगलवार को हुई मतगणना ने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की शर्मनाक हार हुई है. Congress party collapse in Surat
यहां तक कि सूरत नगर निगम में विपक्ष के नेता प्रफुल्ल तोगड़िया सहित पिछले लंबे समय से जीत दर्ज करने वाले बड़े नेता भी इस बार अपनी सीट नहीं बचा सके.
कांग्रेस के पतन के पीछे टिकटों के वितरण को लेकर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के साथ मतभेद और शहर में होने वाले सीमांकन ने कांग्रेस की तमाम रणनीति पर पानी फेर दिया.
सूरत नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार Congress party collapse in Surat
राज्य सरकार ने शहर की सीमा का विस्तार करने के साथ वर्ष 2020 में नए सीमांकन को मंजूरी दी. उस समय यह स्पष्ट था कि अगले नगरपालिका चुनाव कांग्रेस के लिए एक चुनौती होंगे.
नए परिसीमन से कांग्रेस के उन नेताओं के संकट को और बढ़ा दिया जो सालों से अपनी सीट जीत रहे थे. Congress party collapse in Surat
जिस तरह से विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को शामिल किया गया, उससे यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस के नेताओं को जीतने के लिए इस बार बहुत मेहनत करनी होगी.
कांग्रेस संगठन इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए समय पर वैकल्पिक योजना के साथ आने में विफल रहा. चुनाव में एक भी सीट न जीतने से कांग्रेस को नुकसान हुआ है.
कांग्रेस की तमाम रणनीति पर फिरा पानी
इसके अलावा, टिकट वितरण को लेकर PAAS के साथ होने वाले मतभेद ने अंतिम मिनट में कांग्रेस की संभावनाओं पर पानी फेर दिया. Congress party collapse in Surat
एक तरफ नए सीमांकन के बाद शामिल होने वाले नए मतदाताओं पर पकड़ मजबूत की जानी थी, दूसरी तरफ पाटीदार आंदोलन समिति के साथ नाराजगी को भी दूर करना था.
कांग्रेस पार्टी दोनों मोर्चों पर लड़ने में पूरी तरह से विफल रही. यही कारण है कि नगर निगम में प्रफुल्ल तोगड़िया सहित नेताओं को हार का स्वाद चखना पड़ा.
उल्लेखनीय है कि सूरत नगर निगम के 30 वार्डों में 120 सीटे हैं. जिसमें से भाजपा ने 93 सीटों पर कब्जा कर लिया है. जबकि पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी को 27 सीटें मिली हैं.
हैरानी की बात है कि 2015 के चुनावों में 36 सीटें जीतने वाली विपक्ष कांग्रेस ने इस बार एक भी सीट नहीं जीती. Congress party collapse in Surat
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