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पाटीदारों के गढ़ में कांग्रेस का सफाया, सवालों के घेरे में हार्दिक का राजनीतिक भविष्य?

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गांधीनगर: गुजरात की 6 नगर निगम चुनाव के नतीजे कल घोषित किए गए. जिसमें कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जबकि भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है.

जिसके पाटीदार समुदाय के नेता और कांग्रेस पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष हार्दिक पटेल का राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में है. Congress Patidar stronghold wiped out

पाटिदारों के गढ़ में कांग्रेस को करारी शिकस्त

पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा के रूप में उभरने वाले हार्दिक पटेल एक बार फिर कांग्रेस के लिए अशुभ साबित हुए हैं. Congress Patidar stronghold wiped out

खुद को गुजरात में पाटीदार समुदाय का नेता बताने वाले हार्दिक पटेल की पार्टी इस बार नगर निगम चुनावों में पाटीदारों के गढ़ में भी जीत हासिल करने में नाकाम रही है.

खास बात यह है कि पाटीदार समुदाय से आने वाले हार्दिक पटेल के गढ़ सूरत में कांग्रेस का सफाया हो गया है.

सूरत में खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस

सूरत नगर निगम में भाजपा को 93 सीटें मिली हैं. जबकि 2015 में 36 सीटें जीतकर विपक्ष की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस इस बार निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए अपना खाता भी नहीं खोल सकी.

सूरत में दूसरे स्थान पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी है. खास बात यह है कि पाटीदार के गढ़ सूरत में कांग्रेस का सफाया उस समय हुआ जब पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष खुद पाटीदार समुदाय के हार्दिक पटेल हैं. Congress Patidar stronghold wiped out

जिस संस्था से जुड़े हार्दिक उसी ने डुबोई लुटिया  Congress Patidar stronghold wiped out

इतना ही नहीं हार्दिक पटेल जिस संस्था से जुड़े हैं पाटीदार अनामत आंदोलन उसने ही कांग्रेस के पतन में अहम भूमिका अदा की है.

टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस के साथ विवाद के बाद आम आदमी पार्टी को पाटिदार अनामत आंदोलन समिति ने अपना समर्थक देने का ऐलान किया था. Congress Patidar stronghold wiped out

पाटीदार बहुल्य क्षेत्र वार्ड 2, 3, 4, 14 और 16 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शुरुआत से आगे चल रहे थे. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के प्रदर्शन को देखकर यह आश्चर्य की बात नहीं होगी कि आम आदमी पार्टी सूरत नगर निगम में विपक्ष में बैठगी. आप को मजबूत करने के लिए अल्पेश कथीरिया सूरत में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

हार्दिक पटेल ने इससे पहले 8 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार किया था. हार्दिक की रैली ने एक बड़ी भीड़ को आकर्षित किया, लेकिन इसे वोट में बदलने में विफलता हासिल हुई.

बीजेपी उम्मीदवारों ने सभी सीटों पर भारी बहुमत से जीत दर्ज की.

जिसके बाद अब पार्टी के नेता खुद इस बात पर बहस करने लगे हैं कि क्या हार्दिक पटेल पार्टी के लिए फिर से अशुभ साबित हो गए हैं. Congress Patidar stronghold wiped out

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