देश में कोरोना वायरस के बढते मामलों के बीच मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. पीएम, मंत्री और सभी सांसद की सैलरी 30 फीसदी कम करने का फैसला लिया गया है. कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी सांसदों के कम सैलरी लेने को मंजूरी मिल गई है. पीएम, मंत्री और सभी सांसद 30 फीसदी कम सैलरी लेंगे.
सरकार के इस फैसले के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से भी रिएक्शन आया है. कांग्रेस सांसद अहमद पटेल के न्यूज एजेंसी ANI से कहा, ‘सांसद के रूप में, मैं सांसदों के वेतन में कटौती के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं. इस कठिन समय में हम अपने देश के लोगों के लिए कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं.
सरकार के फैसले की कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी तारीफ की. जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मैं सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं. लंबे समय से मैं तर्क दे रहा हूं कि विकास के कामों के लिए सांसदों और विधायकों को सालाना दिए जाने वाले लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल एक कोष के रूप में किया जाना चाहिए.”
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी. 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30% तक कम किया जाएगा.
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘सांसदों को हर साल मिलने वाली निधि या एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड MPLADS भी 2 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस मद में सांसदों को जो हर साल दस दस करोड़ रुपए की राशि मिलती है, वह कंसोलिडेटेड फंड ऑफ़ इंडिया में जमा होंगे, ताकि उससे कोरोनावायरस के दंश से लड़ा जा सके.’
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात पर फैसला हुआ. पीएम, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यपाल और सांसद 1 साल तक अपने वेतन का 30 फ़ीसदी हिस्सा नहीं लेंगे. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसमें तय किया गया कि इस फैसले को कार्य रूप देने के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा. बाद में जब संसद का सत्र शुरू होगा तो उसमें इस बारे में कानून पारित करा लिया जाएगा.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/big-decision-in-cabinet-meeting-30-reduction-in-salary-of-minister-and-all-mps-for-one-year/