गांधीनगर: गुजरात सरकार ने राज्य में बढ़ते कोरोन वायरस के कहर को मद्देनजर रखते हुए किसानों के लिए बड़ा फैसला किया है. इस फैसला के तहत राज्य के किसानों को कृषि कर्ज की अदायगी में दो महीने की राहत दी है. अब किसान 31 मार्च तक अदा की जाने वाली कृषि ऋण की किश्त मई तक भर सकेंगे. माना जा रहा है कि रुपाणी सरकार के इस फैसला से 24.21 लाख किसानों को फायदा मिलेगा.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से किसानों की तैयार फसल की बिक्री बंद है. इस कारण किसानों के पास रुपये नहीं हैं. किसान बैंकों से लिया गया ऋण अदा नहीं कर सकते. बैंक किसानों को अदायगी के लिए नोटिस दे रहे हैं. किसानों की इस समस्या के निराकरण के लिए सरकारी व सहकारी बैंकों के ऋण की अदायगी 31 मार्च से बढ़ाकर मई तक कर दी गई है.
नितिन पटेल ने कहा कि किसान संघ, किसान नेता व विधायकों की ओर से मुख्यमंत्री के समक्ष की मांग को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है. गुजरात सरकार ने इस बारे में केंद्र सरकार को जानकारी दे दी है.
गांधीनगर में एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए नितिन पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण व्यापार व उद्योग बंद हैं. मार्केट यार्ड का कामकाज भी ठप पड़ गया है. किसान अपना अनाज भी नहीं बेच पा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी और सहकारी बैकों द्वारा ऋण की अदायगी के लिए किसानों को नोटिस देना शुरू कर दिया है. इस कारण किसान की समस्याओं के निवारण के लिए सरकार ने यह निर्णय किया हैं. किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलता है. केंद्र सरकार चार और राज्य सरकार तीन प्रतिशत ब्याज की अदायगी करेगी. यह सहायता दो महीने के लिए दी गई है.
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