इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन की खोज में लगी है. इस बीच कोरोना से ठीक हुए मरीजों के प्लाज्मा से कोरोना के इलाज की थ्योरी ने एक नई किरण डॉक्टर्स को दिखाई. प्लाज्मा थ्योरी पूरी तरह से कारगर है इसमें अभी वैज्ञानिकों के बीच मतभेद हैं लेकिन यह इलाज में अभी कारगर हो रही है. भारत के कई अस्पतालों में इससे कई मरीजों की हालत में सुधार हुआ है. हरियाणा के एक अस्पताल में शुक्रवार को एक जमाती ने भी प्लाज्मा डोनेट किया.
प्लाज्मा डोनेट करने वाले जमाती अरशद अहमद का कहना है कि जब मैं अस्पताल में गया तो मेरे साथ वहां के सभी स्टाफ ने बहुत ही शालीनता के साथ व्यवहार किया. अरशद ने कहा कि वे सभी लोग मुझे से ऐसे बात कर रहे थे जैसे मैं उनके परिवार का हिस्सा हूं और मुझे लग रहा था कि मैं अपने घर पर हूं. अरशद ने कहा कि मैं वैसे तो महाराष्ट्र के अमरावती जिले का रहने वाला हूं लेकिन जितने दिन मैं अस्पताल में रहा मुझे अपने घर की कमी नहीं महसूस हुई.
I have donated plasma for treatment of COVID19 patients twice now. If I am needed to donate it 10 times, I will do so: Arshad Ahmed, a Tablighi Jamaat member, who was quarantined at AIIMS dedicated COVID19 centre, Haryana. He has now tested negative for COVID19. https://t.co/LFNAqcVJyZ
— ANI (@ANI) May 2, 2020
अरशद ने जमातियों से अपील की कि वे भी कोरोना की लड़ाई में सरकार का साथ दे. इसके अलावा उसने कहा कि यह संकट का दौर है और इस समय हर समुदाय के लोग घर पर ही पूजा पाठ कर रहे हैं इसलिए मुस्लिम समुदाय को भी कोरोना की लड़ाई में आगे आना चाहिए और हमें घर पर ही रहकर नमाज अदा करनी चाहिए.
अरशद ने कहा कि इस समय हर कोई कोरोना की जंग में अपने अपने अनुसार देश की मदद कर रहा है इसलिए मैंने भी प्लाज्मा डोनेट करके इसमें सहयोग करने का मन बनाया. आपको बता दें कि पहले अरशद कोरोना पॉजिटिव पाया गया था लेकिन अब उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है जिसके बाद उसने प्लाज्मा डोनेट किया. अरशद ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं आगे भी प्लाज्मा डोनेट करूंगा.
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