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कोरोना कहर: महबूबा मुफ्ती को जेल से घर पर किया स्थानांतरित, लेकिन हिरासत जारी

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को उनके घर शिफ्ट करने का आदेश जारी किया गया है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनको नजरबंद कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया था. अब तक वह ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी बंगले में थीं. जहां से आज वो अपने घर फेयर व्यू पहुंचेंगी. इस दौरान उनका घर फेयर व्यू उप जेल में तब्दील रहेगा.

इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था. उन पर लगा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटाकर रिहाई का आदेश जारी किया गया था. वहीं 13 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था.

वहीं एक अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी. हालांकि उन्होंने नए अधिवास अधिनियम को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए यह बता कही थी. उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार के पास कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच अधिवास कानून जारी करने का समय है तो उन्हें महबूबा मुफ्ती को रिहा करने का समय क्यों नहीं मिल सकता है.

बता दें कि महबूबा मुफ्ती की बेटी ने पूर्व में सरकार को पत्र लिखकर पीडीपी मुखिया को रिहा किए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है. साथ ही इससे निजात पाने के लिए कोई टीका या दवाई भी अभी तक नहीं बनी है. इन सभी पहलुओं को देखते हुए मेरी मां व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सहित अन्य लोगों को रिहा किया जाए.

इल्तिजा ने उपराज्यपाल से कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए एकांतवास ही सबसे बेहतर विकल्प है. भीड़भाड़ वाली जेल और स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण देश व प्रदेश की जेलों में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से बंद कैदियों को यह वायरस अपनी चपेट में ले सकता है. इतना ही नहीं इल्तिजा ने कहा कि अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूरे भारत में जेलें इस महामारी का नया केंद्र बन सकती हैं.

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