अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि कोरोना परीक्षण की रिपोर्ट 4 से 5 घंटों में मिल जाए. इस मामले पर कल सुनवाई होगी. सरकारी नियम के अनुसार, यदि कोई मरीज इलाज के लिए अस्पताल में आता है, तो उसे अपने कोविड परीक्षण के लिए एक ई-मेल CDHO (मुख्य उप स्वास्थ्य अधिकारी) से लेना पड़ता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मेल का जवाब हां या ना में जवाब देने के लिए 4 से 5 दिन लग जाते हैं.
यदि रोगी पॉजिटिव निकलता है तो इन पांच दिनों के दौरान वह और कई लोगों को संक्रमित कर सकता है. इतना ही नहीं इलाज करने वाला डॉक्टर स्वयं प्रभावित हो सकता है. इस संबंध में AMA ने पिछले दिनों लिखित आवेदन दिया था जिसका जवाब नहीं मिलने पर संस्था कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जिसमें कहा गया है कि अगर किसी मरीज का इलाज करने की प्रक्रिया इतनी जटिल है तो रोगियों का निदान कैसे किया जाएगा.
इस जटिल प्रक्रिया के कारण डॉक्टर को स्वयं कोविड परीक्षण करवाने में 5 दिन लगते हैं. इस प्रकार डॉक्टर के पास आने वाले रोगी के परीक्षण में 6 दिन लग जाते हैं और इस दौरान अन्य लोगों में भी संक्रमण फैल जाता है या फिर मरीज उचित उपचार के बिना मर जाता है.
इस स्थिति में काम करने वाले डॉक्टरों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. AMA(अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ. मोनाबेन देसाई ने कहा कि डॉक्टरों को मरीज का कोविड 19 परीक्षण के लिए एक फॉर्म भरकर उसे सीडीएचओ को भेजना होता है. जिसके आधार पर वह ICMR के दिशानिर्देश के अनुसार हां या ना में उत्तर देता है. इसका जवाब आने में चार से पांच दिन लग जाते हैं. अगर कोई आपातकालीन ऑपरेशन होता है तो रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए जोखिम होता है.
इसके अलावा कि यह निर्धारित करने में 5 से 6 दिन लगते हैं इसके अलावा वह मरीज की क्या इलाज करे इसमें भी दुश्वारी पैदा होती है. इस तमाम मामले को लेकर AMA मुख्य स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि को एक लिखित आवेदन दिया था. कि कोविड 19 परीक्षण और इसकी रिपोर्ट को 4 से 5 घंटे में देने की व्यवस्था करने की मांग की गई थी.
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