बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है. दूसरे चरण में होने वाली वोटिंग के लिए सियासी दल एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं.
इस बीच चुनावी मुद्दी बनी कोरोना वैक्सीन को लेकर भाजपा को चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दी है. आयोग ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का फ्री में देने का दावा करना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.
दरअसल ने भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर अपने घोषणा पत्र में फ्री में बिहारवासियों को कोरोना वैक्सीन देने का दावा किया था.
भाजपा को चुनाव आयोग ने दी क्लीन चिट
भाजपा के इस दावे के खिलाफ विपक्ष भी हमलावर हो गया था तेजस्वी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि वैक्सीन देश की भाजपा की नहीं.
वहीं इस मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
गोखले ने दावा किया था कि केंद्र सरकार फ्री में कोरोना का वैक्सीन देने का वादा कर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर मतदाताओं को गुमराह कर रही है.
क्या कहा है चुनाव आयोग ने
चुनाव आयोग ने भाजपा के फ्री कोरोना वैक्सीन के वादे को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है. आयोग ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की न्याय योजना के वादे पर भी यही रुख अपनाया था.
कांग्रेस के वादे को लेकर विरोधियों ने भी आयोग से शिकायत की थी.
भाजपा ने कोरोना टीका को बनाया चुनावी मुद्दा
पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भूरेंद्र यादव जैसे कई नेताओं के बीच भाजपा ने पटना में अपना घोषणा पत्र जारी किया.
भाजपा ने घोषणा पत्र में 11 बड़े संकल्प लिए हैं. जिसे सत्ता में आने के बाद पूरा करने का वादा किया गया है. लेकिन सबसे खास बात यह रही है कि भाजपा ने कोरोना के टीका को भी चुनावी मुद्दा बना लिया है.
पत्र में दावा किया गया है कि हर बिहारवासी को कोरोना वैक्सीन का निशुल्क टीकाकरण करवाया जाएगा.
इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब तब कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती तबतक मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ही एक वैक्सीन है.
उन्होंने दावा किया कि जैसे भी बाजार में कोरोना की वैक्सीन आएगी उसका बड़ा स्टोक भारत के लिए मंगवाया जाएगा.
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