विश्व बैंक ने भारत में सरकार के जुड़े कार्यक्रमों के लिए 1 बिलियन डॉलर के सामाजिक सुरक्षा पैकेज की घोषणा की है. बैंक ने शुक्रवार को शहरी गरीब और प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रौद्योगिकी से संबंधित योजनाओं में सरकार की सहायता के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि के रूप में इस राशि को मंजूरी दी.
बैंक ने कहा कि इससे भारत अपनी सभी 400-प्लस सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रौद्योगिकी के स्तर पर एकीकृत करने में सक्षम होगा. विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा, ‘यह परियोजना शहरी गरीबों के प्रति सामाजिक सुरक्षा को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण होगी.’ उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि पीएम का आत्मानिर्भर मिशन’ दिशाओं के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है और भारत कोविड -19 के बाद के जीवन और आजीविका के बीच अंतर नहीं कर रहा है.
इधर, सरकार ने वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का फैसला किया. यह राशि पहले से तय कार्यक्रम से 4.20 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है. खबर है कि पहली छमाही में मई 11 से लेकर 30 सितम्बर तक कुल 6 लाख करोड़ की बाजार से उधारी ली जाएगी. बदले उधारी कैलेंडर के हिसाब से सरकारी सिक्योरिटीज या बॉन्ड जारी कर सरकार रकम जुटाएगी. जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष की बची हुई छमाही में सरकार तकरीबन हर हफ्ते 30 हजार करोड़ रुपये की रकम जुटाएगी.
कोरोना संकट और देश में जारी लॉकडाउन की वजह से सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है. इन हालात में जहां आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं वहीं आने वाले दिनों में टैक्स से होने वाली आय में भी कमी देखने को मिल सकती है. ऐसे में सरकार के पास उधारी बढ़ाने के अलावा बेहतर विकल्प फिलहाल नहीं दिख रहा था. आने वाले दिनों में सरकार को अलग-अलग सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज और दूसरी आर्थिक गतिविधियों के लिए इस उधारी से मदद मिलेगी.
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