दुनियाभर में कोरोना वायरस खतरनाक रूप ले चुका है. इस वजह से ग्लोबली शेयर बाजारों में भी गिरावट का दौर जारी है.सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी 10 फीसदी से अधिक लुढ़क गया और इस वजह से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी.
क्या है इसका मतलब?
मतलब ये कि कुछ देर तक शेयर बाजार में कारोबार नहीं होगा. यानी आप न तो शेयर खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं. बीते 12 साल में पहली बार है जब शेयर बाजार में ट्रेडिंग रोकी गई है. इससे पहले मई 2008 में भी शेयर बाजार कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था. तब ग्लोबली आर्थिक मंदी का दौर था और भारत में भी इसके संकेत मिल रहे थे.
फिलहाल, ये ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकी गई है. अब शेयर बाजार में कारोबार 10.20 बजे से शुरू होगा. स्टॉक एक्सचेंज के नियमों के मुताबिक 1 बजे से पहले शेयर बाजार में फिर से 15 फीसदी तक की गिरावट आई तो 1.45 घंटे तक ट्रेडिंग रोक दी जाएगी. स्टॉक एक्सेंज की भाषा में अब 15 फीसदी का लोअर सर्किट होगा. यहां आपको बता दें कि शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट आती है, तो उसमें लोअर सर्किट लग जाता है और ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है.
क्यों रोकी जाती है ट्रेडिंग?
दरअसल, दलाल स्ट्रीट में निवेशकों के निवेश को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेडिंग पर रोक लगा दी जाती है. इससे निवेशकों के नुकसान का संकट ज्यादा गहरा होने से बच जाता है. बहरहाल, जब ट्रेडिंग रोकी गई तब सेंसेक्स 3090.62 अंक लुढ़क कर 29,687.52 अंक पर था. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 966.10 की गिरावट के साथ 8,624.05 अंक पर था. इस बीच, रुपया भी ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है. डॉलर के मुकाबले यह 74.50 रुपया पर कारोबार करता दिखा.
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