कोरोना वायरस का असर अब आम जन-जीवन पर बुरी तरह से देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों की हालत भी बुरी हो गई है. सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 3200 अंक तक लुढ़का जबकि निफ्टी में भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई.
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 8.18% यानी 2919.26 अंक टूटकर 32,778.14 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.30 फीसदी लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा. यह शेयर बाजार के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट है. किसी एक दिन में शेयर बाजार ने इतनी बड़ी गिरावट नहीं देखी गई थी.
11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
शेयर बाजार की खास्ता हालत से बीएसई इंडेक्स पर कंपनियों का मार्केट कैप 1,26,00,369.46 करोड़ रुपये रह गया. बुधवार को मार्केट कैप 1,37,13,558.72 करोड़ रुपये था. इस लिहाज से निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
सुबह से ही देखी गई गिरावट
सुबह से ही शेयर बाजार में गिरावट दर्ज होनी शुरू हो गई थी. दोपहर 2.40 बजे सेंसेक्स 3100 अंक से अधिक गिरा तो वहीं निफ्टी 950 अंक तक लुढ़क गया. सेंसेक्स का स्तर 32 हजार 600 के नीचे आ गया तो वहीं निफ्टी 9 हजार 500 अंक के स्तर पर था. सुबह 11 बजे के बाद सेंसेक्स 2650 अंक तो निफ्टी 750 अंक तक गिर गया. इस दौरान सेंसेक्स 33 हजार 250 अंक पर कारोबार करता दिखा. इसी तरह, निफ्टी 9 हजार 750 अंक पर रहा. निफ्टी, सितंबर 2017 के बाद इस स्तर पर आया है.
सोने का भी हाल बेहाल
वहीं सोने गुरुवार को 128 रुपये टूटकर 44,490 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया. इसी तरह चांदी की कीमत भी 302 रुपये के नुकसान से 46,868 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. बुधवार को सोना 44,618 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था जबकि पिछले सत्र में चांदी 47,170 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
रुपया 59 पैसे कमजोर
कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 59 पैसे कमजोर होकर 74.22 के स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले रुपए की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई थी. इस दौरान रुपया करीब 20 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. ग्लोबली कोरोना वायरस की वजह से क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन भी कमजोर होकर 17 फीसदी लुढ़क गया. यह सितंबर 2017 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है. भारत में 1 बिटक्वाइन 4,51,286.29 रुपये पर है.