देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों पर लगाम लगाने के लिए काफी कोशिश की जा रही है. बावजूद इसके कोरोना के मामले दिल्ली में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 हजार के पार पहुंच चुका है. इस बीच दिल्ली सरकार ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियों को कैंसिल कर दिया गया है.
दिल्ली सरकार स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग की ओर जारी आदेश में कहा गया है कि अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों से जुड़े जो कर्मचारी छुट्टी पर गए हैं फौरन वापस बुला लिया जाए. कर्मचारियों को छुट्टी केवल बहुत अधिक विषम परिस्थितियों में दी जानी चाहिए.
Delhi Government issues order advising Hospitals & Medical Institutions under it to recall their staff that is on leave to report for duty immediately. Leave of any kind to be granted only under most compelling circumstances. #COVID19 pic.twitter.com/6dmESw3mif
— ANI (@ANI) June 20, 2020
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कहा, ‘दिल्ली में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों को 5 दिन के लिए आइसोलेशन सेंटर में रहना होगा.’ एलजी के इस आदेश का केजरीवाल सरकार विरोध कर रही है. सरकार का कहना है कि ‘जो नियम पूरे देश में लागू हैं वहीं नियम दिल्ली पर क्यों लागू नहीं किया जा रहा. इस नियम की वजह से दिल्ली में डॉक्टर और नर्स उपलब्धता की कमी हो जाएगी.
इससे पहले दिल्ली में कोरोना पर लगाम लगाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह भी अलग-अलग सियासी पार्टी के अध्यक्षों से कोरोना को लेकर बातचीत कर चुके हैं. अभी कल ही गृह मंत्रालय ने दिल्ली में मौजूद प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज कराने वाले लोगों के लिए इलाज का रेट फिक्स कर आम आदमियों को बड़ी राहत दी है.
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