राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद PMLA की विशेष अदालत ने नवाब मलिक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक को 7 मार्च तक हिरासत में भेजा दिया था. नवाब मलिक के वकील ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ED ने नवाब को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था. उस दिन पहला रिमांड हुआ, दूसरा रिमांड 3 मार्च को हुआ और तीसरा रिमांड आज हुआ है. तीनों रिमांड के बाद आज ईडी के वकीलों ने कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत चाहिए जबकि नवाब मलिक की अभी न्यायिक हिरासत की जरूरत नहीं है.
इसके अलावा मलिक के वकील नीलेश भोसले ने कहा कि तीनों रिमांड के बाद ईडी ने अभी तक नहीं कहा कि नवाब के लिंक्स दाऊद इब्राहिम या टेरर फंडिंग से है. ये कहीं भी अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है. इसका मतलब एकदम साफ है कि ये केस राजकीय दुश्मनी की वजह से हुई है.
भाजपा कर रही इस्तीफे की मांग
ED द्वारा नवाब मलिक की गिरफ़्तारी पर महाराष्ट्र के पूर्व CM और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि दाऊद जैसे देश के दुश्मन को मदद जिसके माध्यम से हुई उसको बचाने के लिए और उनका मंत्री पद बचाने के लिए पूरी सरकार (महाराष्ट्र सरकार) उनके पीछे खड़ी है, इसका देश को जवाब इस सरकार को देना पड़ेगा.
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