निर्भया गैंगरेप के दोषियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे इन आरोपियों को दी जाएगी फांसी. दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था. इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए. घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन भी शुरू हो गया.
लेकिन आज सात सालों के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों के डेथ वारंट पर फैसला सुनाते हुए 22 जनवरी को फांसी की सजा सुनाया है. इन तमाम आरोपियों को 22 जनवरी के दिन सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. डेथ वारंट पर होने वाली सुनवाई से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों से बातचीत किया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में उस वक्त असहज स्थिति पैदा हो गई, जब एक दोषी मुकेश की मां ने निर्भया की मां से कहा- आप भी मां हो, मैं भी मां हूं, मेरे बेटे को माफी दे दो. इस पर जज और वकीलों ने उन्हें टोका. कहा- ऐसी बातें यहां मत कीजिए. निर्भया मामले में चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को पहले ही फांसी की सजा दी जा चुकी है, अब सिर्फ डेथ वारंट जारी होने पर फैसला होना बाकी थी.
इस मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया. एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था.