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होइहि सोइ जो राम रचि राखा… 100 साल की दादी ने कोरोना को दी मात

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Covid-19: एक पुरानी कहावत है कि होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा. अर्थात, वहीं होगा जो राम ने लिख रखा होगा. तर्क करके साख बढ़ाने से कोई फायदा नहीं. कुछ ऐसा ही अहमदाबाद की एक दादी के साथ हुआ है. अहमदाबाद की रहने वाली 100 साल की दादी हाल ही में कोरोना (Covid-19) का इलाज कराकर घर लौटी हैं.

कोरोना (Covid-19) संक्रमित पाए जाने के बाद उनका परिवार उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद के मैन सरोवर अस्पताल ले गया था डॉक्टरों ने उनका इलाज किया और उन्होंने कोरोना पर विजय पाई.

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कोरोना (Covid-19) बुजुर्गों के लिए सबसे घातक साबित हो रहा है. बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों के कारण इस महामारी से सबसे ज्यादा बुजुर्गों की ही जान गई है. हालांकि 100 साल की उम्र में दादी ने कोरोना (Covid-19) को मात देकर चमत्कार कर दिखाया है.

7 दिनों में कोरोना को हराया

100 साल की दिवालीबेन ने हाल ही में कोरोना (Covid-19) से संक्रमित हो गई थीं. इसलिए परिवार उन्हें इलाज के लिए अहमदाबाद के मैन सरोवर अस्पताल ले गया. वहां उनका कोरोना का इलाज चला.

दिवालीबेन को ब्लड प्रेशर के अलावा कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं थी. प्रकृति की कृपा से डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और दिवालीबेन ने सिर्फ सात दिनों में कोरोना (Covid-19) को हरा दिया. ऐसे में घर के सदस्यों ने डॉक्टरों को बहुत धन्यवाद दिया.

85 साल की यासमीन बेन भी मिसाल

कुछ दिन पहले अहमदाबाद शहर के रायखड़ इलाके में रहने वाले 85 वर्षीय यासमीन बेन ने दोनों पैरों में फ्रैक्चर और रक्तचाप सहित कई बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीती थी. अहमदाबाद के रायखड़ क्षेत्र की रहने वाली यासमीन बेन उमराभाई शेख ने छह महीने पहले अपने पैर की सर्जरी करवाई थी और एक बार फिर फिसल कर उनके दूसरे पैर में फ्रैक्चर हो गया था.

जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार उनका कोरोना (Covid-19) टेस्ट कराया गया जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई थीं. इसके बाद उन्हें घर वापस ले जाया गया और घर पर आयुर्वेदिक उपचार किया गया. 18 दिन बाद उन्होंने कोरोना को हराया.

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