कोरोना वायरस की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का ट्रायल कर रही ब्रिटेन की फार्मास्यूटिकल कंपनी AstraZeneca ने मंगलवार को बताया कि उसने अपना क्लीनिकल ट्रायल रोक दिया है. फार्मा कंपनी के मुताबिक, एक वालंटियर में एक अनपेक्षित बीमारी दिखी है. कंपनी ने इस हालात में ट्रायल रोकने को रूटीन एक्शन बताया है.
मालूम हो कि फार्मा कंपनी यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर कोरोना के लिए वैक्सीन(Covid-19 Vaccine) बना रही है. यह दुनिया भर में कोविड वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) बनाने की कोशिशों में लगी फार्मा कंपनियों में काफी आगे चल रही है.
कोरोना वायरस के खात्मे के लिए सबसे ज्यादा उम्मीद जगा रही ऑक्सफर्ड की वैक्सीन AZD1222 के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल को रोक दिया गया है.
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वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के ट्रायल के दौरान उसे रोका जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन इससे दुनियाभर में जल्द से जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन मिलने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है.
कंपनी ने क्यों रोका ट्रायल
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया,
‘ऑक्सफोर्ड कोरोनावायरस वैक्सीन के रैंडमाइज्ड, नियंत्रित ग्लोबल ट्रायल के तहत हमारी मानक समीक्षा प्रक्रिया शुरू हुई है और हमने खुद फैसला लेते हुए वैक्सीनेशन पर रोक लगा दी है ताकि एक स्वतंत्र समिति सेफ्टी डेटा का आकलन कर सके.‘
उन्होंने कहा, ‘यह एक रूटीन एक्शन है, जो तब उठाया जाता है जब किसी ट्रायल में किसी अनपेक्षित बीमारी के सामने आने की आशंका होती है. फिलहाल इसकी जांच हो रही है और हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ट्रायल में विश्वसनीयता बनाए रखें.’
कंपनी की ओर से कहा गया कि बड़े स्तर पर किए जाने वाले ट्रायल्स में कोई बीमारी उभरने की संभावना होती है, लेकिन इसकी समीक्षा स्वतंत्र रूप से होनी चाहिए.
हालांकि, यह साफ नहीं किया गया है कि वो मरीज़ कहां है, जिसमें वैक्सीनेशन के बाद कोई समस्या पैदा हुई है या फिर उसकी समस्या कितनी बड़ी है.
कब आएगी वैक्सीन
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैकांक ने पिछले हफ्ते आशा जताई थी कि वर्ष 2021 के शुरुआती महीनों में यह वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) आ जाएगी. भारत समेत दुनियाभर से इस वैक्सीन के लिए बड़े-बडे़ ऑर्डर आने शुरू हो गए थे.
ऑक्सफर्ड के वैज्ञानिक न सिर्फ वैक्सीन AZD1222 के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं बल्कि उन्हें 80% तक भरोसा है कि सितंबर तक वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) उपलब्ध हो जाएगी. ऑक्सफर्ड की वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी. यह वैक्सीन ChAdOx1 वायरस से बनी है जो सामान्य सर्दी पैदा करने वाले वायरस का एक कमजोर रूप है. इसे जेनेटिकली बदला गया है इसलिए इससे इंसानों में इन्फेक्शन नहीं होता है.
अब तक 9 लाख लोगों की मौत
कोरोना महामारी से दुनिया का हाल बेहाल हैं. पूरी दुनिया में पौने तीन करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और मौत का आंकड़ा 9 लाख के पार पहुंच गया है.
पिछले 24 घंटों में दुनिया में 2 लाख 40 हजार नए मामले सामने आए हैं और 4 हजार 288 लोगों की जान चली गई है.
वर्ल्डोमीटर के अनुसार, दुनियाभर में अबतक 2 करोड़ 77 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इसमें से 9 लाख 844 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है तो वहीं 1 करोड़ 98 लाख लोग ठीक भी हुए हैं. पूरी दुनिया में 70 लाख एक्टिव केस हैं यानी कि फिलहाल 70 लाख लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
अमेरिका, ब्राजील जैसे देशों में कोरोना मामले और मौत के आंकड़ों में कमी आ रही है. भारत ही एक मात्र देश है जहां कोरोना महामारी इस वक्त चरम पर है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट में अमेरिका पहले पायदान पर है. यहां अबतक 65 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण के शिकार हो चुके हैं.