- सोशल मीडिया पर प्रमाण पत्र वायरल
- परिजनों को हो सकती हैं मुश्किलें
- आग लगने से हुई 8 मरीजों की मौत
- अस्पताल के मालिक से पूछताछ जारी
अहमदाबाद में गुरुवार तड़के श्रेय अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से आठ लोगों की मौत हो गई थी. इसको लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है.
जिस श्मशान घाट पर आग में जान गंवाने वाले मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया था, वहां मौत का कारण कोरोना लिखा गया है. मालूम हो कि मरने वाले आठ में से कुछ मृतकों का दुधेश्वर श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था.
वहां के श्मशान प्रमाण पत्र में इन मरीजों की मौत का कारण कोरोना लिखा गया है.
आग से जान गंवाने वाले लोगों की मौत का कारण कोरोना बताने वाला यह श्मशान प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस प्रमाण पत्र ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
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कई सोशल मीडिया यूजर्स ने नगर निगम की असंवेदनशीलता को इंगित किया है.
यूजर्स के मुताबिक, नगर निगम अपने लापरवाह रवैये के चलते मृतक के परिजनों को एएमसी कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर कर रहा है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि परिवार के सदस्यों को किसी भी भविष्य की जटिलताओं से बचने या किसी भी समझौते का दावा करने के लिए मौत का कारण ठीक करनी होगी.
श्मशान प्रमाण पत्र वायरल
श्रेय अस्पताल में आग में जान गंवाने वाले कोरोना मरीजों में से एक का मृत्यु प्रमाण पर मृत्यु प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जो विशेष श्मशान प्रमाण पत्र वायरल हुआ है, वह एक 80 वर्षीय महिला का है.
यह महिला श्रेय अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रही थी.
जब आईसीयू में आग लगी, उस घटना में मरने वाले आठ लोगों में यह महिला भी शामिल थी.
उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया.
बाद में दुधेश्वर के एएमसी श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया गया.
रसीद में क्या उल्लेख है?
श्मशान घाट की पुष्टि करने वाली रसीद में मौत के स्थान के रूप में श्रेय अस्पताल का उल्लेख है लेकिन मौत का कारण कोरोना दिखाया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि पोस्टमार्टम के बाद सिविल अस्पताल द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण आग लगना बताया गया है.
श्मशान घाट और अस्पताल से मौत के कारणों में अंतर मृतकों के उन परिवार वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है जो बीमा के लिए दावे करना चाहेंगे.
आग लगने पर उठ रहे सवाल
अब तक शॉर्ट-सर्किट को श्रेय अस्पताल में आग लगने का कारण माना जा रहा है.
लेकिन यह भी सामने आया है कि अस्पताल अग्निशमन विभाग से बिना एनओसी के काम कर रहा था.
साथ ही अस्पताल में आग से सुरक्षा के उपायों को ठीक से नहीं अपनाया गया था.
यह भी पता चला है कि अस्पताल के चौथे महाले का भी अवैध रूप से निर्माण किया गया था.
इसको लेकर भी पूछताछ चल रही है.
फिलहाल इस मामले में अस्पताल के मालिक को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है.
उधर सीएम रुपाणी ने इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है.