कोरोना वायरस का असर दुनिया सहित भारत की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है. शेयर बाजार का हाल बेहाल है. कोरोना के असर के चलते दुनिया में तेल को लेकर उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. इस बीच भारत में पेट्रोल-डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है.
वहीं दुनिया में तेल पर छिड़े प्राइज वॉर के बीच कच्चे तेल के दाम में कमी आई है. इसकी वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम में मामूली गिरावट हर दिन देखने को मिल रही हैं. हालांकि कीमतें गिरने का फायदा भारत में ग्राहकों को मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं एक्साइज ड्यूटी तीन रुपये बढ़ाए जाने से ग्राहकों पर इसका असर भी ज्यादा नहीं होगा. दरअसल, भारत में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ऐसे वक्त में बढ़ाई गई है, जब पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें घट गई हैं.
एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद भी ग्राहकों के लिए कीमतें थोड़ी कम हुई हैं. पेट्रोल की कीमतें 13 मार्च को दिल्ली-70, कोलकाता-72.70, मुंबई-75.70, चेन्नई-72.71 रुपये थीं तो वहीं 14 मार्च को कीमत दिल्ली-69.87, कोलकाता-72.57, मुंबई 75.57 और चेन्नई-72.57 रुपये हो गई है. इसके अलावा डीजल की कीमतें 13 मार्च को दिल्ली-62.74, कोलकाता-65.07, मुंबई-65.68, चेन्नई-66.19 रुपये थीं वो वहीं 14 मार्च को कीमत दिल्ली-62.58, कोलकाता-64.91, मुंबई-65.51 और चेन्नई-66.02 रुपये हो गई हैं.
एक तरफ दुनिया में कोरोना वायरस की मार है, दूसरी ओर रूस-ओपेक देशों में कच्चे तेल के दाम पर बात नहीं बन पाई. रूस के साथ ओपेक देशों का तीन साल का समझौता तब खत्म हुआ, जब रूस ने नए दाम के सिस्टम पर हामी भरने से इनकार कर दिया. क्रूड ऑयल के मसले पर इस डील के न होने के कारण एशिया के शेयर बाजारों में भी हलचल बढ़ी और शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई.
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