- करहैड़ा गांव में रहने वाले दलित समुदाय के लोग गांव के सवर्ण समाज पर लगाया भेदभाव का आरोप
- गांव के करीब 236 लोगों ने सामूहिक रूप से बौद्ध धर्म को किया स्वीकार
- योगी सरकार पर दलित समुदाय के लोगों ने बोला हमला
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दलित समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में सामूहिक रूप से बौद्ध धर्म को अपना लिया. दलित समुदाय के लोग उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड को लेकर आहत हैं.
धर्म परिवर्तन करने वाले दलित समुदाय के लोगों ने उत्तर प्रदेश प्रशासन पर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि आज भी गांव के लोग जातीय उत्पीड़न कर उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं.
हाथरस कांड से आहत दलित समुदाय के लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म
मिल रही जानकारी के अनुसार गाजियाबाद के करहैड़ा गांव में रहने वाले दलित समुदाय के लोग गांव में ही रहने वाले उच्च जाति के लोगों द्वारा भेदभाव और जातीय उत्पीड़न से परेशान होकर हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया.
करहैड़ा गांव के करीब 236 लोगों ने सामूहिक रूप से बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया.
सवर्ण समाज के लोगों पर लगाया भेदभाव का आरोप
बौद्ध धर्म में शामिल हुए दलित समुदाय के लोगों ने गांव के सवर्ण समाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि बहुसंख्यक हैं. इसकी वजह से अक्सर हम लोगों को जातीय उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है.
इतना ही नहीं बौद्ध धर्म में शामिल हुए लोगों ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर परेशानियों से दो-चार होने के बावजूद भी हमारी किसी भी जगह पर सुनवाई नहीं होती.
14 अक्टूबर को करहैड़ा गांव के दलित समुदाय के लोगों को डॉ. बीआर अंबेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर ने 50 परिवारों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई.
इस मौके पर दलित समुदाय के लोगों ने हाथरस गैंगरेप मामले लेकर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि यह सब देखने के बाद ऐसा लगता है कि हिंदी समाज के लोग हमें अपना मानते ही नहीं हैं.
योगी सरकार से नाराज दलित समुदाय के लोगों ने कहा कि हमें इस सरकार पर अब भरोसा नहीं रहा.
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