वेतन समझौता विफल होने के बाद बैंक यूनियन ने हड़ताल का ऐलान किया है. उनकी हड़ताल का असर फरवरी से ही दिखने लगेगा. जिसके बाद अप्रैल में से अनिश्चतकालीन हड़ताल का भी ऐलान किया गया है. बैंक हड़ताल की खबर से उपभोक्ताओं में खलबल मच गई है. ऐसे में हड़ताल से पहले ही उपभोक्ताओं को बैंक से संबंधित अपने जरूरी काम निपटाने होंगे.
बैंक यूनियन ने वेतन समझौता विफल होने के कारण हड़ताल का ऐलान किया है. 31 जनवरी और 1 फरवरी को भी दो दिन की बैंक हड़ताल करेगा. यही नहीं लगातार तीन दिन 11, 12 और 13 मार्च को भी बैंक ने हड़ताल करने का निर्णय किया है. मार्च में होली और अन्य छुट्टी को मिलाकर करीब आठ दिन बैंक बंद होने के आसार हैं. यूनियन की ओर से जारी सूचना के अनुसार अगर मांगे पूरी नहीं होती हैं तो बैंक 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होगी.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉक्टर कुमार अरविंद ने बताया कि मुख्य मांग पर प्रबंधन सवा 12 फीसद वेतन वृद्धि को तैयार है. उन्होंने बताया कि 2015 में 15फीसद वेतनवृद्धि की गई थी. सभी बैंकों की नौ यूनियनों ने बैठक में भाग लिया था. सर्वसम्मति से सभी ने स्पष्ट कहा कि 15 फीसद से कम वेतनवृद्धि मान्य नहीं होगी. इस फैसले के बाद बैंककर्मियों के द्वारा दो दिनों के हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया है. ये देशव्यापी बंद होगी. इसमें देशभर के सभी बैंक शामिल होंगे. बैंक से जुड़े अन्य मुद्दों को हड़ताल में शामिल कर प्रबंधन पर दबाव बनाया जाएगा.