सदन में एकबार फिर गुरुवार को दिल्ली दंगे का मामला उठा. चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा को लेकर सदन की चर्चा से भागें. शाह ने कहा कि इस चर्चा के माध्यम से यह संदेश न जाए कि हम कुछ चीजों को बचाना चाहते थे या भागने चाहते थे. अमित शाह ने कहा कि कहीं दंगा और न हो जाए, दंगाईयों को पकड़ा जाए और समुचित इलाज हो इसलिए हमने सदन में चर्चा को लेकर थोड़ा वक्त मांगा था. उन्होंने कहा कि दंगे में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि जब ये पूछा गया कि जिस वक्त दंगा हो रहा था तो आपने क्या किया ? कई तरह की आशंकाएं लोगों के मन में थी. ऐसे में जो अब तक जो कार्रवाई हुई वह सदन में रखना चाहता हूं. इस केस में 700 एफआईआर दर्ज कर ली गई है. 2,647 गिरफ्तारी हुई है और वो सभी गिरफ्तारी साइंटिफिक तरीके से की जा रही है. उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था. लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है.
‘पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल नहीं’
गृह मंत्री ने साफ किया कि लोगों की पहचान के लिए ड्राईविंग लाइसेंस जैसी चीजों का सहारा लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी खबर कुछ जगहों पर चलाई गई कि इसमें फेस की पहचान के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन यह गलत है. अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा के दौरान लोगों ने देशी हथियारों का इस्तेमाल किया है. ऐसे में इन सभी चीजों की जांच की जा रही है.
‘आईबी ऑफिसर को मारने वाला पुलिस हिरासत में’
अमित शाह ने कहा कि जांबाज आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के हत्यारे को पकड़ कर उसे हिरासत में ले लिया गया है. किसी के भी मन में यह शंका नहीं रहना चाहिए कि जो आरोप हम पर लग रहे हैं वो सही नहीं है, इसलिए सदन में जवाब दे रहा हूं. अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह सबसे बड़ी सफलता है कि उसने दिल्ली के सिर्फ चार प्रतिशत हिस्से तक इस दंगा को सीमित रखा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं से भी ऐसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई. शाह ने कहा कि दोनों ओर से उकसावपूर्ण घटना के बाद इस दंगा को सिर्फ 36 घंटे में काबू पा लिया गया, जो दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी थी.
‘नहीं जाएगी किसी की नागरिकता’
अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून के कारण देश के मुसलमान भाईयों के मन में शंका का वातावरण है. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर आपत्ति नहीं थी लेकिन, 15 दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली हुई और उसमें कहा गया कि आप घर से बाहर निकलिए. उसके बाद से दंगा हिंसा हुई और लोग शाहीन बाग में बैठे हैं.
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