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दादी के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए महीनों से सिविल अस्पताल का चक्कर लगा रहा युवक

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एक युवक अपनी दादी की मृत्यु के ढाई महीने बाद भी उनकी मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) हासिल करने के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का चक्कर लगा रहा है. युवक की दादी की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई थी. युवक के पास लिखित सबूत हैं कि उनकी दादी कोरोना ​​के कारण सिविल अस्पताल में भर्ती कराई गई थीं.

अस्पताल के अधिकारी उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करने से मना कर रहे हैं और दलील दे रहे हैं कि उसके पास मृतक मरीज की फाइल गायब हो गई है.

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अहमदाबाद के चंडालोडिया के रहने वाले जीनल यादव की दादी मंजुला यादव (75 साल) को 10 दिसंबर, 2020 को 1200 बेड वाले सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसमें कोरोना के मरीजों का इलाज किया जाता है.

कोरोना के इलाज के दौरा 15 दिसंबर को मंजुला ने दम तोड़ दिया था. सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने जीनल को एक रसीद दी और कहा कि वह कुछ दिनों के बाद ओपीडी से मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) हासिल कर सकते हैं.

सिविल अस्पताल ने क्या कहा

जब जीनल मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) लेने के लिए ओपीडी पहुंचे तो उन्हें वहां के कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि वह बाद में आएं. जब वह दोबारा गए तो उन्हें सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के रिकॉर्ड विभाग में भेजा गया, जहां फिर से उन्हें बाद में आने को कहा गया. कई बार अस्पताल के चक्कर लगाने के बावजूद  जीनल को प्रमाण पत्र (Death Certificate) अभी तक नहीं मिल पाया है.

रिकॉर्ड विभाग के पर्यवेक्षक हिमांशु पटेल ने जीनल से कहा कि उनकी दादी की फ़ाइल नहीं मिल रही है और फाइल मिलने के बाद ही सिस्टम में उसकी एंट्री होगी और उसके बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी किया जा सकता है.

सभी दस्तावेज लेकिन…

मजे की बात यह है कि जीनल के पास अपनी दादी को अस्पताल में दाखिल कराने के सभी दस्तावेजी रिकॉर्ड हैं जहां उनका इलाज किया गया था. अस्पताल एक नई फाइल बनाने के बदले युवक के साथ टाल-मटोल कर रहा है. अगर नई फाइल बन जाती तो उसे मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) मिल जाता.

जीनल के पास अस्पताल में दाखिल होने की पर्ची और डॉ. जालपा कलजरिया की रसीद है जो साबित करता है कि युवक की दादी की मौत के दौरान वह डॉक्टर वहां ड्यूटी पर थी.

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