गांधीनगर: गुजरात में स्कूल और कॉलेज खोलने के फैसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, “कई राज्यों ने हम से पहले अपने यहां स्कूल खोलने का फैसला कर चुके हैं.
7 से ज्यादा राज्यों में सितंबर में स्कूल खोले गए है. स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला हमारे हाथ में नहीं. Decision open Gujarat school
स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति के लिए, सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार माता-पिता की स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा. बच्चों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है.
सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहती है. स्कूल और कॉलेज खोलने का फैसला केंद्र सरकार का है. माता-पिता की सहमति के बारे में भ्रमित होने की जरूरत नहीं है.’ Decision open Gujarat school
गुजरात सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर किया था फैसला
कल शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा ने राज्य में स्कूल और कॉलेज शुरू करने को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था. दीवाली के बाद राज्य में शिक्षण कार्य चरणों में शुरू किया जाएगा.
दिवाली के बाद, 23 नवंबर से राज्य में स्कूल और कॉलेज शुरू किए जाएंगे. कक्षा 9 से 12 तक की स्कूलों को 23 नवंबर से शुरू किया जाएगा. माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोले जाएंगे.
कॉलेज और विश्वविद्यालय पहले चरण में शुरू होंगी. स्नातक कक्षा में केवल अंतिम वर्ष की कक्षाएं शुरू की जाएंगी. भारत सरकार के एसओपी के अनुसार राज्य में स्कूल शुरू किए जाएंगे.
कॉलेजों में शैक्षणिक कार्य भी शुरू किया जाएगा. Decision open Gujarat school
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माता-पिता से लेनी होगी समहति
आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज भी 23 नवंबर से शुरू किया जाएगा. कॉलेज-यूनिवर्सिटी में पोस्ट-ग्रेजुएट, मेडिकल-पैरामेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे.
इस दौरान स्कूल-कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. संस्थाओं को इसके लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी.
स्कूल-कॉलेजों में साबुन से हाथ धोने के साथ-साथ सेनेटाइज और सामाजिक दूरी की व्यवस्था स्कूल के प्रिंसिपल को करनी होगी. प्रत्येक छात्र को अपने माता-पिता की सहमति के लिए एक फॉर्म दिया जाएगा.
स्कूल खोलने के फैसले पर शुरू हुआ विवाद Decision open Gujarat school
गुजरात सरकार के कोरोना संकटकाल में स्कूल और कॉलेज खोलने के फैसले पर माता-पिता भी अपनी नाराजगी का इजहार कर रहे हैं. Decision open Gujarat school
अभिभावकों का कहना है कि सरकार का यह फैसला अनुचित और अव्यवहारिक है इससे बच्चे कोरोना का शिकार बन सकते हैं.
इतना ही नहीं गुजरात वाली एकता मंडल के अध्यक्ष नरेश शाह ने भी सरकार के फैसला विरोध करते हुए कहा था कि कुछ स्कूल संचालकों के इशारे पर सरकार ने यह फैसला किया है.
यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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