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पाकिस्तान होने वाले कारगिल युद्ध में 26 जुलाई 1999 के दिन मिली थी सफलता
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दिल्ली में मौजूद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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सीडीएस सहति तीनों सेना प्रमुखों ने दी कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस (kargil vijay diwas) के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे.
इस मौके पर उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी सेना प्रमुख एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आरके भदौरिया नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह मौजूद रहे.
इन तमाम लोगों ने देश की सुरक्षा को लेकर अपने जान की कुर्बानी देने वाले सैनिकों को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित किया.
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दुश्मनों को दिया जाएगा कारगिल जैसा जवाब: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि जिन शहीदों की शहादत से हमने करगिल युद्ध जीता था वह जवान हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगें.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि कभी दुश्मन ने हमला किया तो उन्हें कारगिल जैसा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय सशस्र बलों के शौर्य और पराक्रम का विजयोत्सव है.
अटल बिहारी वाजयपेयी को किया याद
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर संवाददातओं को संबोधित करते हुए कहा कि
“कारगिल न केवल हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि अन्याय के खिलाफ उठाया गया कदम भी है.
उन्होंने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस कथन को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं वह आत्मरक्षा के लिए होता है न कि हमले के लिए”
गौरतलब है कि करगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब 3 महीने चले युद्ध में 26 जुलाई 1999 के रोज सफलता मिली थी. पाकिस्तान से होने वाले इस युद्ध में भारत के 500 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे. 21 सालों से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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