नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का सिलसिला थमा नहीं है. इतना ही नहीं छठ पूजा के दौरान दिल्ली-एनसीआर में आतिशबाजी की गई थी. जिसकी वजह से दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. सुबह से ही सड़कों पर कोहरे का अंबार लगा हुआ है. जिसकी वजह से वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है.
बीते 24 घंटों में पड़ोसी राज्य में 3,914 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं. हवा की गति कम होने और उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय हवाएं 5.5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं. लेकिन गुरुवार की रात को इसकी रफ्तार कम हो जाएगी और यह और शांत हो जाएगी. इससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से बढ़ जाएगा. 13 नवंबर से प्रदूषण से सामान्य राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि तब भी हवा बेहद खराब स्तर पर रिकॉर्ड की जाएगी. पिछले 24 घंटे में हवा में PM10 का स्तर 387 और PM2.5 का स्तर 237 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है. दोनों प्रदूषण को बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है.
गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार को 411 रहा. उससे एक दिन पहले यह 372 थी. वहीं एनसीआर के गुरुग्राम को छोड़कर सभी शहरों को क्रिटिकल कैटेगरी में दर्ज किया गया है. गाजियाबाद का सबसे बुरा हाल गाजियाबाद का है. पिछले 24 घंटे में यहां एक्यूआई 461 दर्ज किया गया है. लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा. गाजियाबाद के अलावा उत्तर प्रदेश के वृंदावन की भी हालत खराब है.
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