नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते 7 माह से आंदोलनरत हैं. किसानों की एक ही मांग है कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए. सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि बातचीत कर मामले को हल करने की कोशिश कर रही है. लेकिन अभी तक हल नहीं निकला है. किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए कई राज्य सरकारों ने विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुके हैं. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि केजरीवाल सरकार ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पास किया. Delhi Assembly agriculture laws resolution
किसानों की जमीन छीनने के लिए बनाया गया कानून Delhi Assembly agriculture laws resolution
दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र खत्म हो गया है. मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया है. आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने सदन में प्रस्ताव रखा. इस मौके पर आप विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि लंबे वक्त से किसान कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. जरनैल सिंह ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इस दौरान 600 से अधिक किसान मारे गए लेकिन प्रधानमंत्री ने अभी तक संवेदना व्यक्त नहीं की है. किसानों ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली है. सिंह ने कहा कि कृषि कानून से किसानों से उनकी जमीन छीनने और राशन की दुकान पर लाइन लगाने की योजना है. Delhi Assembly agriculture laws resolution
विपक्ष ने किया हंगामा
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सदन में बहस के दौरान कहा कि पारित तीनों कृषि कानूनों में से एक को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने भी मंजूरी दी थी. इस कानून से कृषि उत्पादन बढ़ाएगा, किसानों को समृद्ध बनाएगा और बाजार में उत्पादन भी बढ़ाएगा. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है. कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लागू किया गया है. Delhi Assembly agriculture laws resolution
विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने वाला पंजाब बना पहला राज्य
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लेकिन विरोध का सबसे ज्यादा असर पंजाब में दिखाई दे रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे देश में सबसे पहले विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का जमकर विरोध किया गया. सदन में कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून से सिर्फ पंजाब हरियाणा नहीं बल्कि राज्य के अन्य किसानों पर भी असर पड़ेगा. पंजाब सीएम ने कहा कि हम इस कानून के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. Delhi Assembly agriculture laws resolution
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