केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और डिसूजा को समन जारी किया है. जयराम रमेश, पवन खेड़ा द्वारा उनकी बेटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद स्मृति ईरानी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
ट्वीट को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा
दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं से 24 घंटे के भीतर सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणियों को हटाने को कहा है और अगर वे उन्हें नहीं हटाते हैं तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इन टिप्पणियों को हटा देगा. स्मृति ईरानी ने मानहानि का आरोप लगाते हुए 2 करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है. कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में अवैध बार चलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरानी को तत्काल कैबिनेट से हटाने की मांग की थी. इसके बाद स्मृति ईरानी ने यह कार्रवाई की है.
बिना तथ्यों की जांच के लगाए आरोप-एचसी
इस मामले में जस्टिस मिनी पुष्कराना ने कहा कि प्रथम दृष्टया मुझे लगता है कि ये आरोप (स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ) बिना तथ्यों की जांच किए लगाए गए हैं. इससे वास्तव में शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. इसलिए अदालत ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर उपलब्ध प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए आरोपों को तत्काल हटाने का निर्देश देती है.
अवैध बार विवाद को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर मुकदमे में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेता डिसूजा को समन जारी किया. जिसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमें स्मृति ईरानी द्वारा दायर मामले का औपचारिक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. हम अदालत के सामने तथ्यों को पेश करने के लिए उत्सुक हैं. हम स्मृति ईरानी द्वारा डाली जा रही दायर मुकदमें को चुनौती देंगे और खारिज करेंगे.
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