देश में कोरोना काल में भी अस्पतालों के साथ राज्य सरकारें सही बर्ताव नहीं कर पा रही हैं. देश के कई अस्पतालों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल कोरोना वॉरियर्स सैलरी नहीं मिलने के कारण हड़ताल कर चुके हैं. इस बीच खबर है कि दिल्ली के दो मशहूर अस्पताल (Delhi Hospitals) हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके हैं.
पिछले चार महीनों से सैलरी नहीं मिलने के कारण देश की राजधानी दिल्ली स्थित हिंदू राव अस्तपाल (Delhi Hospitals) के डॉक्टर तीन दिनों से हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं कस्तूरबा गांधी के अस्पताल के डॉक्टर बुधवार से 20 तारीख तक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है.
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क्या है डॉक्टरों की मांग
डॉक्टरों का कहना है कि एक तरफ़ जहां पूरी दुनिया में कोविड वॉरियर्स को सम्मानित जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ़ भारत में उन्हें अपमान का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली के (Delhi Hospitals) हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने पर प्रोग्रेसिव मेडिकोज़ एंड साइंटिस्ट फ़ोरम के अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने ट्वीट किया, ‘आज हड़ताल का तीसरा दिन है. हिंदू राव अस्पताल के एंट्री गेट पर डॉक्टर ताली और थाली बजा रहे हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है. उन्हें पिछले चार महीने से सैलरी नहीं मिली और वो कर्ज़ लेकर अपना जीवन चला रहे हैं.’
हिंदू राव नॉन कोविड अस्पताल घोषित
उधर दिल्ली सरकार ने बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को अब नॉन कोविड अस्पताल घोषित कर दिया गया है. यानी अब यहां किसी कोरोना मरीज का इलाज नहीं होगा. दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर ने निवेदन किया था कि बाड़ा हिंदू राव अस्पताल को कोविड अस्पताल से नॉन कोविड अस्पताल घोषित किया जाए.
दिल्ली सरकार ने इस निवेदन का परीक्षण किया और पाया कि इस अस्पताल में पहले ही मरीज़ कम थे, उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने निवेदन भी किया है. ऐसे में तुरंत प्रभाव से इस अस्पताल को कोविड अस्पताल के लिस्ट से हटाया जाता है. दिल्ली सरकार ने बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को 14 जून को कोविड हॉस्पिटल घोषित किया था.