नई दिल्ली: दीवाली की अगली सुबह राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण से बुरा हाल देखने को मिला. प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. लेकिन दीवाली के दौरान कई जगहों पर जमकर आतिशबाजी की गई थी. नतीजा यह निकला की दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई.
दीवाली के मौके पर दिल्ली में होने वाली आतिशबाजी की वजह आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है. इतना ही नहीं कई लोगों ने गले में खुजली और आंखों में पानी आने की शिकायत कर रहे हैं. दिल्ली के अलग-अलग जगहों की बात करें तो कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 500 के पार पहुंच गया. इसके साथ ही मंदिर मार्ग, आनंद विहार, सोनिया विहार और शाहदरा समेत कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 400 के ऊपर चला गया है.
वायु मानक संस्था के मुताबिक जब किसी शहर की वायुगुणवत्ता 0 से 50 के बीच होता है तो इसे अच्छा माना जाता है. लेकिन 51 से 100 के बीच की गुणवत्ता को संतोषजनक लेकिन जब किसी शहर की वायु गुणवत्ता 400 और 500 के पार कर जाए तो उसे गंभीर स्थिति माना जाता है.
धड़ल्ले से पटाखे जलाने की वजह से रात नौ बजे के बाद दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में एक्यूआई 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 दर्ज किया गया. यह वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आता है. दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले कई लोग सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और आंखों से पानी आने की परेशानी से दो-चार हो रहे हैं.
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