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दिल्ली प्रदूषण मामले को लेकर सख्त सुप्रीम कोर्ट, कहा- आपकी वजह से नहीं बल्कि तेज हवा से कम हुआ प्रदूषण

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दिल्ली: राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता आज भी खराब श्रेणी में है. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली के मुताबिक राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 है. दिल्ली में प्रदूषण मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में दलील देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है. इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि तेज हवा की वजह से, आपके कदमों कि वजह से नहीं. आप बताइए कि क्या कदम उठाए गए हैं?

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अपना हलफनामा दाखिल किया. इस हलफनामें में कहा गया है कि 21 नवंबर तक लगाई गई पाबंदियों को 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. दिल्ली-NCR में फैले प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि मौसम जब गंभीर होता है तब उपाए किए जाते हैं. वह वायु प्रदूषण मामले को बंद नहीं करेगा और अंतिम आदेश नहीं देगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इस मामले की सुनवाई करता रहेगा.

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-NCR में फैले प्रदूषण के मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को करेगा. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से 2-3 दिनों तक वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों को जारी रखने के लिए कहा है. इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि अगर प्रदूषण का स्तर 100 हो जाता है, तो कुछ प्रतिबंध हटाए जा सकते हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने सोमवार को कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की थी, जिसमें शहर के प्रदूषण संकट से निपटने के लिए विश्वविद्यालय को एक सप्ताह के लिए बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की नीति शामिल है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के अधिकारियों ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदूषण को रोकने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को एक बैठक की थी.

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