दिल्ली हिंसा के वक्त मारे गए आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की मौत के आरोपी और आम आदमी पार्टी के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन एक तरफ जहां लगातार पुलिस से बचने की कोशिश करते हुए भागे फिर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ राहत पाने के लिए अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ताहिर हुसैन ने मंगलवार को दिल्ली के एक कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. इस याचिका आज सुनवाई होगी.
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के इस दावे को झुठला दिया, जिसमें ताहिर ने दावा किया था कि उसे पुलिस बचा कर वहां से ले गई थी. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एम.एस. रंधावा 26 फरवरी को जब अंकित शर्मा की शव बरामद हुआ और उसके परिवार ने आरोप लगाए उसके बाद ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि उसके बाद ताहिर के घर की तलाशी ली गई और सबूतों को इकट्ठा किया गया है.
रंधावा ने पुलिस की तरफ से ताहिर को बचाने की मीडिया रिपोर्ट पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि इसकी हकीकत ये है कि 24 फरवरी को हमें यह सूचना मिली थी कि निगम पार्षद फंसा और चारों तरफ से घिरा हुआ है लेकिन जब पुलिस ने उसकी जाकर जांच की तो पता चला कि वह घर में बैठा था.