बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के लिए गैर हिंदू असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का मामला अभी थमा भी नहीं था कि नया मामला सामने आ गया. इस बार यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस से आरएसएस का झंडा हटाने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाया गया है इतना ही नहीं मामला को देखते हुए प्रोफेसर किरण दामले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
दरअसल यहां पर कैंपस के मैदान में बीते मंगलवार आरएसएस की शाखा लगाई गई. इसी बीच डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर किरण दामले भ्रमण करते हुए जब स्टेडियम पहुंची, तो उन्होंने आरएसएस के ध्वज को उतार कर अपने कार्यालय में रखवा दिया. जिसके बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी. इस कारण बीते गुरुवार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
झंडा हटाने के बाद दर्ज हुई थी एफआईआर
प्राप्त जानकारी के अनुसार डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के आरएसएस का झंडा हटाने के बाद धरने पर बैठे छात्र इस्तीफे की मांग करने लगे. वहीं मामले की जानकारी होते ही बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्र और आरएसएस के जिला कार्यवाह चंद्रमोहन मौके पर पहुंच गए. जिला कार्यवाह चंद्रमोहन ने देहात कोतवाली में देर शाम रिपोर्ट दर्ज करायी.
इसकी जानकारी जब डिप्टी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर किरण दामले को हुई, तो उन्होंने आचार्य प्रभारी प्रोफेसर रमा देवी निम्नापल्ली को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद प्रोफेसर रमादेवी निम्नापल्ली ने उसे चीफ प्रॉक्टर डॉक्टर ओपी राय को भेज दिया.
ऐसे में सवाल उठता है क्या हम ऐसे समय में पहुँच गए हैं जहाँ सत्तारूढ़ दल से जुड़े संगठनों के लोगों की ही चलती है? क्या वह समय आ चुका है कि जहाँ किसी सरकारी कर्मचारी को नौकरी से हाथ सिर्फ़ इसलिए हाथ धोना पड़ता है कि उसने अपनी ड्यूटी निभाने वाले की कोशिश में सत्तारूढ़ दल से जुड़े संगठनों के कुछ लोगों को नाराज़ कर दिया