Gujarat Exclusive > गुजरात एक्सक्लूसिव > #Column: क्या सीएम रूपाणी ने अहमदाबाद में लॉकडाउन में ढील को लेकर अधिकारियों के सुझावों को नजरअंदाज किया?

#Column: क्या सीएम रूपाणी ने अहमदाबाद में लॉकडाउन में ढील को लेकर अधिकारियों के सुझावों को नजरअंदाज किया?

0
2007

लॉकडाउन 4.0 के दौरान पश्चिमी अहमदाबाद के लिए हाल ही में दी गई रियायतों ने कई लोगों को हैरान कर दिया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अहमदाबाद में कोरोना के मामलों और उससे हो रही मौतों की संख्या में कोई कमी देखने को नहीं मिली है.

प्रशासकों के सूत्रों ने गुजरात एक्सक्लूसिव को बताया कि अहमदाबाद में नौकरशाहों की नई टीम का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता और नए नगर आयुक्त मुकेश कुमार शहर में लॉकडाउन के दौरान ज्यादा रियायतें दिए जाने के पक्ष में नहीं थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि अहमदाबाद की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अभी कुछ अहम काम किए जाने बाकी हैं.

शहर की उच्च मृत्यु दर से पता चलता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को अभी भी दुरुस्त करने की आवश्यकता है. प्राधिकरण अभी भी प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की प्रक्रिया में लगा हुआ हैं. इसलिए नई टीम थोड़ा और समय चाहती थी. टीम की राय थी कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाना चाहिए क्योंकि कोरोना मामलों को लेकर अभी भी अहमदाबाद एक संवेदनशील शहर है. लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य के उच्च अधिकारियों ने शहर के प्रशासन पर काबू पा लिया है ताकि राज्य के बाकी हिस्सों के साथ-साथ पश्चिमी हिस्से को भी खोला जा सके.

इसने अहमदाबाद में एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जहां पश्चिमी भाग में लोगों की भारी भीड़ इक्कठा होने की संभावना है. यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति हो सकती है क्योंकि शहर के प्रत्येक वार्ड में अभी भी सक्रिय कोरोना रोगी हैं. रोज कई नए मामले भी सामने आ रहे हैं. उधर मृत्यु दर में थोड़ी गिरावट के बाद शहर में मरने वालों का ग्राफ फिर अचानक बढ़ गया है और पिछले दो दिनों से ज्यादा मौतें सामने आई हैं

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो दो दशकों से गांधीनगर, गुजरात की नौकरशाही और राजनीति को करीब से देख रहै हैं)

https://archivehindi.gujaratexclsive.in/why-are-more-amdavadis-dying-of-corona-than-in-other-cities/