बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं. कांटे की टक्कर के बाद एनडीए एक बार फिर चुनाव जीतने में कामयाब हुई है.
एनडीए ने बिहार में जादुई आंकड़ा 122 को पार कर लिया है. बिहार में सत्ताधारी एनडीए ने 125 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई है.
लेकिन नीतीश कुमार की लोकप्रियता इस बार कम हुई है क्योंकि उनकी पार्टी इस बार चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले कम सीटें मिली है. ऐसे में उनके सीएम बनने पर उहापोह की स्थिति बनी हुई है.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर नीतीश से की अपील
इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बिहार परिणाम को लेकर एक नहीं बल्कि कई ट्वीट किया है.
एक ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार को संघ और भाजपा का साथ छोड़ने की अपील की है.
दिग्गी का कहना है कि देश को बर्बाद होने से बचाने के लिए नीतीश कुमार को भाजपा और संघ का साथ छोड़कर तेजस्वी को आशीर्वाद देना चाहिए.
सिलसिले वार ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा “यही महात्मा गॉंधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी. आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए.
आपको याद दिलाना चाहूँगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी. भाजपा/संघ को छोड़िए. देश को बर्बादी से बचाइए.
नितीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएँ। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई “फूट डालो और राज करो” की नीति ना पनपने दें। विचार ज़रूर करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 11, 2020
दिग्विजय सिंह ने तेजस्वी को आशीर्वाद देने की अपील
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने भाजपा और संघ पर हमला बोलते हुए लिखा” भाजपा/संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती है वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है.
नितीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों मे जेल गए है भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए.
इस “अमरबेल” रूपी भाजपा/संघ को बिहार में मत पनपाओ.”
एक बार फिर से चुनाव में शादनार कामयाबी हासिल करने के बाद नीतीश कुमार के लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है.
लेकिन इस बार उनकी पार्टी जदयू को 2015 जैसी सफलता नहीं मिली है. पिछले चुनाव में जदयू को 71 सीटों मिली थी.
लेकिन 2020 में होने वाले चुनाव में पार्टी को सिर्फ 43 सीट जीतने में कामयाबी हासिल हुई है. इस स्थिति में अगर वह मुख्यमंत्री बनते भी हैं तो जल्द ही उनको साइडलाइन किया जा सकता है.
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