तमिलनाडु पूर्व मंत्री और डीएमके नेता ए रहमान खान का निधन हो गया है. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. रहमान कुछ दिनों पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे लेकिन इलाज के बाद वह कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे. वह 77 साल के थे.
परिवार ने उनकी मौत की पुष्टि की है.
परिवार के मुताबिक, इलाज के बाद रहमान खान की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
खान के बेटे डॉ. सुबीर खान ने बताया कि उन्हें हाल ही में एक सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चला. कोरोना से मुक्त होने होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. आज सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया.
रहमान का राजनीतिक करियर
रहमान पहली बार 1977 में चेपॉक विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.
इसके बाद उन्होंने 1980, 1984, 1989 और 1996 के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की.
करुणानिधि सरकार में रहमान श्रम मंत्री रहे.
स्टालिन-कनिमोझी ने जताया दुख
पूर्व मंत्री के निधन पर डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन और सांसद कनिमोझी ने दुख जताया है.
कनिमोझी ने कहा कि डीएमके की उच्च स्तरीय कार्यसमिति के सदस्य का आकस्मिक निधन चौंकाने वाला है.
उन्होंने विधायक और मंत्री के रूप में तमिलनाडु की सेवा की है.
डीएमके ने उनकी मौत के गम में तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. रहमान अपनी बुलंद आवाज के लिए जाने जाते थे.
पार्टी के प्रमुख एमके स्टालिन ने खान की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
उन्होंने कहा कि वह संगठन के नींव स्तंभों में से एक और “बड़े भाई” के समान थे जिसने जाने से नुकसान हुआ है.
सदन में उनके प्रदर्शन ने उन्हें डीएमके के लोगों से “सत्समंद्र पोरवाल” (असेंबली तलवार) का सम्मान दिलाया.
वह 1996-2001 के बीच राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने श्रम कल्याण और वक्फ बोर्ड के विभागों का संचालन किया.
इसके अलावा कुछ समय के लिए उन्होंने राजस्व और कानून मंत्रालय भी देखा.
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