स्वामी नित्यानंद के डीपीएस स्थित आश्रम से लड़कियों के गायब होने के बाद मामला तूल पकड़ते ही स्कूल अपना रास्ता अलग करते हुए नजर आ रहा है. डीपीएस स्कूल के तरफ से अब दावा किया जा रहा है कि जो भी अनुबंध आश्रम के साथ पांच सालों के लिए स्कूल मैनेजमेंट ने किया था उसे तोड़ दिया गया है. और इस जानकारी को मीडिया के जरिये फैलाकर स्कूल अपने पाक दामन होने का सबूत पेश करने की कोशिश कर रही है.
लेकिन सवाल ये उठता है कि डीपीएस स्कूल कौन से शैक्षणिक नियम का पालन कर अपने परिसर में ऐसी प्रवृत्ती करने की परमीशन दिया था. इतना ही नहीं स्कूल संचालक कैसे आश्रम को लीज पर जमीन दे सकते हैं, और क्या गुजरात शिक्षा विभाग ऐसा काम करने वाली स्कूल पर कोई कार्रवाई करेगी.और क्या स्कूल की जमीन पर व्यवसायिक कामकाज करने के लिए दी जाने वाली जमीन को लेकर कोई जुर्माना लगाया जाएगा.और क्या डीपीएस संचालकों को स्कूल के संचालन मंडल के पद से हटाया जाएगा, गुजरात हाईकोर्ट ने स्वामी नित्यानंद, नित्यानंद आश्रम के संचालिका और गुजरात पुलिस को नोटिस भेजा है जबकि मामले की अगली सुनवाई 26 नवम्बर को होगी.
बेंगलुरु के एक साधक ने अपनी लड़कियों को नित्यानंद के आश्रम में रखा था लेकिन काफी लम्बे समय से मुलाकात नहीं हो पाने के बाद लड़कियों के माता पिता को जानकारी मिली की उनकी लड़कियों को अहमदाबाद के आश्रम में रखा गया है. इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया है.
मामला सामने आने के बाद गायब लड़की ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर अपने पिता पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा किसी भी तरीका का शोषण यहां पर नहीं हो रहा है. लेकिन जैसे जैसे दिन गुजर रहे हैं हर दिन कोई ना कोई नई कड़ी इस मामले के साथ जुड़ जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच की जाए और मामले में शामिल लोगों को अंजाम तक पहुंचाया जाए.