देश में बढ़ते कोरोना वायरस के नए मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) ने मंगलवार को कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक ली. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद ट्वीट किया और लिखा, कोरोना से डरें, वैक्सीन से नहीं! पहली डोज़ के बाद तय अंतराल पर आज मैंने अपनी पत्नी संग Delhi Heart & Lung Institute पहुंचकर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ ली. Dr Harsh Vardhan
उन्होंने आगे लिखा कि टीकाकरण से जुड़ें, अफ़वाहों से गुमराह न हों. अपनी बारी आने पर टीका ज़रूर लगवाएं और ज़िम्मेदार नागरिक बनें. Dr Harsh Vardhan
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वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसे केवल कुछ ही मामले सामने आए हैं जिनमें वैक्सीन लेने के बाद लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. अगर वैक्सीन की खुराक लेने के बाद व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके अस्पताल में भर्ती होने या आईसीयू में भर्ती कराने की संभावना काफी कम रहती है. Dr Harsh Vardhan
क्यों बढ़ रहे कोरोना के मामले?
देश मे कोरोना के केस अचानक इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसकी वजह बताई है. डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि देश मे बहुत लोगों को लगता है कि कोविड वायरस के खिलाफ वैक्सीन आ गयी है. अब सब ठीक हो गया है यानी लोग कोरोना को अब गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. लोग कोविड-19 को हल्के में ले रहे हैं. सुपर स्प्रेडर इवेन्ट्स हो रहे हैं. Dr Harsh Vardhan
कोरोना से डरें, वैक्सीन से नहीं!
पहली डोज़ के बाद तय अंतराल पर आज मैंने अपनी पत्नी संग Delhi Heart & Lung Institute पहुंचकर #COVID19Vaccine की दूसरी डोज़ ली।#LargestVaccineDrive से जुड़ें, अफ़वाहों से गुमराह न हों। अपनी बारी आने पर टीका ज़रूर लगवाएं और ज़िम्मेदार नागरिक बनें। pic.twitter.com/MaBcr7BIg2
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 30, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये रेयर केस है कि वैक्सीन के बाद दोबारा इंफेक्शन हुआ हो, लेकिन वैक्सीन लेने के बाद अगर इंफेक्शन हो जाता है तो जान का खतरा नही होता है. सभी परिस्थितियों में कोविड को हैंडल का तरीका पहले से स्थापित हो चुका है. उन्होंने कहा कि टेस्ट,ट्रैक और ट्रीट ये जरूरी है. ट्रैक के बाद आइसोलेशन और ट्रीटमेंट जरूरी है.
कोरोना वैक्सीन संबंधी एक प्रश्न पर उन्होंने बताया कि लगभग 7 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में हैं जबकि दो दर्जन प्री क्लीनिकल ट्रायल में हैं. उन्होंने बताया कि सभी स्टेट्स को 17 जनवरी 2020 से गाइडलाइन दी जा रही है.