- आधी रात को मथुरा जेल से रिहा हुए डॉ. कफील खान
रिहाई के बाद योगी सरकार पर किसी अन्य मामले में फंसाने का लगाया आरोप
कोर्ट ने रासुका को रद्द करते हुए फौरन रिहा करने का दिया था आदेश
योगी राजधर्म नहीं बल्कि बाल हट करने रहे हैं- डॉ. कफील
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई थी.
इस मामले को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर सुर्खियों में आने वाले डॉक्टर कफील को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के रिहा कर दिया गया. बुधवार आधी रात को उन्हे मथुरा जेल से रिहा किया गया.
रिहाई पर खुशी का इजहार करते हुए कफील ने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी अन्य मामले में उनको फंसा सकती है.
राज्य सरकार पर कफील ने लगाया गंभीर आरोप
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राज्य की योगी सरकार राजधर्म नहीं बल्कि बाल हठ में लिप्त है. लगभग आधी रात को जेल से बाहर निकलने वाले डॉक्टर कफील ने कहा कि मैं हमेशा अपने उन शुभचिंतकों का शुक्रियाा अदा करुंगा जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए आवाज उठाई थी.
इतना ही नहीं उन्होंने कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि प्रशासन उनको जेल से निकालने के लिए तैयार नहीं थी.
लेकिन कोर्ट के आदेश और लोगों की मेहनत की वजह से आज मुझे जेल से आजादी मिली है.
कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद मिला इंसाफ
डॉक्टर कफील की रिहाई के बाद उनकी मां नुज़हत परवीन ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुखद अंत हुआ. अब मैं अपने बेटे को सामने देख पाऊंगी.
उन्होंने कहा मेरा बेटा एक अच्छा आदमी है वह देश और समाज के खिलाफ कभी भी कुछ भी नहीं बोल सकता.
उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार थे. इसीलिए हमने कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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2 दिसंबर के भड़काऊ भाषण को लेकर किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब हो कि पिछले साल 2 दिसंबर को एएमयू में नागरिकता कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक डॉक्टर कफील खान जमानत पर जेल से रिहा होने से बिल्कुल पहले 13 फरवरी को रासुका की कार्रवाई की गई थी.
जिसकी वजह से उनकी रिहाई के रास्ते फिलहाल बंद हो गए थे. इस मामले के खिलाफ उनकी मां ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह ने डॉक्टर कफील की मां द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कफील के खिलाफ लगा रासुका गलत है इसलिए इसे रद्द किया जाता है.
इतना ही नहीं कोर्ट ने उन्हें फौरन रिहा करने का आदेश जारी किया था.
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