केंद्र की मोदी सरकार ने नई ड्रोन पॉलिसी का बीते दिनों ऐलान कर दिया था. इस पॉलिसी के तहत ड्रोन उड़ाने को लेकर पहले से लागू नियमों में बदलाव करते हुए ढील देने का फैसला किया गया है. ड्रोन सेक्टर के लिए पीएलआई का ऐलान करते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हम ड्रोन सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम (PLI) की घोषणा कर रहे हैं. जिसे कल पीएम ने कैबिनेट में स्वीकृति दी थी. हम चाहते हैं कि भारत ऐसा देश बने जहां से विश्व में ड्रोन का निर्यात किया जाए.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा कि इस स्कीम के 2 लक्ष्य हैं. हम इस पीएलआई स्कीम के अंतर्गत 120 करोड़ रुपये के इंसेंटिव अगले 3 साल में देने वाले हैं. पीएलआई साल दर साल, तीनों साल के लिए 20% रखा जाएगा. किसी भी इंडस्ट्री के लिए पहली बार 50% के बदले में 40% केवल वैल्यू एडिशन के आधार पर इंसेंटिव दिया जाएगा.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पहला लक्ष्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ड्रोन के लिए है. अनुमान है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ड्रोन के लिए 3 साल में करीब 5,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा. जिसके आधार पर 3 साल में करीब 900 करोड़ का टर्नओवर ला पाएंगे. जिसके आधार पर 10,000 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे. इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव हमारे ड्रोन सर्विसेज की वैल्यू चेन पर भी रहेगा. हमारा अनुमान है कि ड्रोन सर्विसेज की वैल्यू चेन कुल टर्नओवर करीब 30,000 करोड़ तक पहुंचेगा और इसके आधार पर 3,00,000 रोज़गार के अवसर उत्पन्न हो पाएंगे.
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