आर्थिक बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) लोकसभा में पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण में इस साल विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया गया है जबकि अगले साल के लिए विकास दर में बढ़त की बात कही गई है. आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) के मुताबिक, इस साल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 7.7 फीसदी की गिरावट हो सकती है.
हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद जताई गई है.
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सर्वे (Economic Survey) में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी माइनस 7.7 फीसदी होगी यानी इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट आ सकती है. वहीं अगले साल देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार होने की संभावना जताई गई है. अगले वित्त वर्ष (2021-22) में 11 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान है.
दूसरी तिमाही में 7.5% की गिरावट
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है. पूरे वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमणियम की अगुवाई वाली टीम ने 2020-21 की आर्थिक समीक्षा तैयार की है. इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दिये जाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आगे किये जाने वाले सुधारों के बारे में सुझाव दिये गये हैं.
मालूम हो कि कोरोना संकट की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में देश की आर्थिक हालत खस्ता रही है. तमाम रेटिंग एजेंसियों ने यह अनुमान जाहिर किया है कि इस साल जीडीपी में 10 फीसदी के आसपास गिरावट आ सकती है. इस साल की पहली तिमाही में करीब 24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.