कोरोना महामारी ने देश में शिक्षा की गति पर ब्रेक लगा दिया है लेकिन अब इसे दुरुस्त करने के लिए विकल्प तैयार किया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए गुरुवार को नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा बनाया गया वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया.
मंत्रालय का मानना है कि इस कैलेंडर को बच्चों, परिवार वालों और शिक्षकों की मदद से बनाया गया है ताकि बच्चे इनके द्वारा सुझाए गए रास्तों से बने इस वर्ष से शिक्षा देने और लेने का काम सुचारु तरीके से चलता रहे. ये भी बताया गया कि इस वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर को बनाते समय नई तकनीक और सोशल मीडिया को तरजीह दी गई है.
इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस कैलेंडर के माध्यम से शिक्षक विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करके घर से ही बच्चों को अभिभावकों की देख-रेख में पढ़ा सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ लोगों के पास मोबाइल फ़ोन पर या घर पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध ना हो और वो सोशल मीडिया का उपयोग ना करते हों. ऐसे में इस वैकल्पिक कैलेंडर में शिक्षकों के लिए ये दिशानिर्देश भी हैं कि वो विद्यार्थियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फ़ोन पर कॉल कर उनका मार्गदर्शन करें.
उन्होंने ये भी कहा कि इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में शिक्षक, परिवार वाले और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, जी-मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढाई जारी रख सकते हैं. इस कैलेंडर में पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक के सभी विषय शामिल किये गए हैं. सभी बच्चों को ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों, आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को संबोधित किया जाएगा.
तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाए गए हैं. फ़िलहाल ये कैलेंडर में चार भाषाओंके विषयों को शामिल किया गया है – संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी. इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/corona-live-update-22/