भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर खिलाड़ी मेहताब एक दिन पहले ही बड़े शिद्दत के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े थे लेकिन लगता है कि उन्हें पीएम मोदी की पार्टी रास नहीं आई. मंगलवार को पार्टी से जुड़ने के 24 घंटे के अंदर ही फुटबॉल खिलाड़ी मेहताब हुसैन ने भाजपा से अपना रिश्ता तोड़ लिया.
34 वर्षीय मेहताब पश्चिम बंगाल में खासे मशहूर हैं. मंगलवार को हुसैन कोलकाता में बीजेपी ऑफिस में पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की मौजुदगी में पार्टी में शामिल हुए थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आना सबसे सही रास्ता है. हुसैन ने कहा था कि वे बहुत समय से लोगों के लिए कुछ करना चाहते थे. बाद में उन्हें लगा कि राजनीति ही इसके लिए बेहतर मंच है.
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मंगलवार को मेहताब को पश्चिम बंगाल भाजपा सद्र दिलीप घोष ने सूबाई दफ्तर में रुक्नियात सौंपी थी. मेहताब ने कहा था, “मैं इन मुश्किल हालात में मुल्क की खिदमत करना चाहता हूं, इसलिए मैंने बीजेपी से जुड़ने का फैसला किया.”
बंगाल में लोकप्रिय हैं मेहताब
मेहताब भारतीय फुटबॉल टीम के मिडफील्डर रह चुके हैं. खेलों में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि वह भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े दो क्लब ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की कप्तानी भी कर चुके हैं. मेहताब हुसैन ने सफलता के साथ दो दशकों से भी ज़्यादा समय फुटबॉल खेला है. पिछले ही साल हुसैन ने फुटबॉल से संन्यास लेने का एलान किया था.
10 सत्र तक ईस्ट बंगाल से खेले
बता दें कि मेहताब का जन्म 5 सितंबर 1985 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने 10 सीज़न तक ईस्ट बंगाल के लिए फुटबॉल खेला है. इस दौरान ये टीम 3 बार फेडरेशन कप की चैंपियन बनी थी. इसके अलावा वो 2005 से लेकर 2015 के बीच भारतीय फुटबॉल टीम के मेंबर भी रहे हैं. टीम इंडिया के लिए उन्होंने 31 मैचों में हिस्सा लिया है और 2 गोल भी दागे.
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