गांधीनगर: अब पूरे राज्य में 13 अप्रेल से 17 हजार सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों पर गरीबी रेखा से ऊपर की श्रेणी के 60 लाख एपीएल-1 कार्ड धारकों को राशन की दुकानों से अनाज मिलेगा. गुजरात एक्सक्लूजिव ने कल एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था “गुजरात सरकार ने की गलती, खामियाजा भुगत रहे राशन दुकानदार” रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद रुपाणी सरकार एक्शन मोड में आ गई है, और ऐलान किया कि राज्य के करीब ढाई से तीन करोड़ लोगों को नि:शुल्क अनाज 13 अप्रैल से वितरित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता में गत बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कैबिनेट बैठक में राज्य के 60 लाख से अधिक एपीएल-1 कार्ड धारक मध्यमवर्गीय परिवारों को अप्रेल महीने के लिए नि:शुल्क अनाज वितरण करने का निर्णय किया गया था. लेकिन कब से अनाज वितरित किया जाएगा इसकी घोषणा नहीं की गई थी जिसकी वजह से राशन बांटने वाले दुकानदारों और कार्ड धरकों के बीच तकरार भी हुआ था.
इस संबंध में मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मौजूदा हालात में अनाज वितरण के दौरान भीड़भाड़ से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाकर सभी को पर्याप्त अनाज मुहैया कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने मुख्यमंत्री ने स्प्ष्ट निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अनाज वितरण की सुचारू व्यवस्था के लिए ग्रामीण और शहरी स्तर पर प्रति दुकान एक-एक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति में शिक्षक, पटवारी या ग्रामसेवक, पुलिस और स्थानीय अग्रणी का समावेश किया जाएगा. इस समिति को सामाजिक दूरी को बनाए रखने, वितरण की सुचारू व्यवस्था और वास्तविक लाभार्थी को बिना किसी अव्यवस्था के अनाज सुलभ कराने के लिए तमाम कार्यवाही करनी होगी.
मुख्यमंत्री की ओर से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को दिए गए निर्देश के अनुसार एपीएल-1 कार्ड धारकों को अपने साथ आधार कार्ड भी लाना होगा तथा सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकान के संचालक को इस आधार पर अनाज का वितरण करना होगा.
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