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किसान और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के खत्म

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कृषि कानूनों (Farm Laws) के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में आज एक बार फिर सरकार ने किसान नेताओं के सामने कानून (Farm Laws) में संशोधन का प्रस्ताव रखा. सरकार की ओर से कहा गया कि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं. वहीं किसान नेता कानून रद्द करने की मांग दुहराते रहे. अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी.

आठवें दौर की बातचीत में सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. सरकार ने आज की बैठक में साफ कर दिया कि वो कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस नहीं लेगी. वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे.

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किसानों ने लंगर खाने से मना किया

सरकार के रुख से नाराज किसानों ने बैठक के बीच में लंगर खाने से मना कर दिया. तल्खी बढ़ने पर सरकार ने लंच ब्रेक का आग्रह किया तो किसान नेताओं ने कहा कि ना रोटी खाएंगे ना चाय पिएंगे. इससे पहले की बैठकों में किसान लंगर से मंगाया गया खाना खाए थे. इसके अलावा पिछली बैठक में सरकार के नुमाइंदे भी किसानों के साथ उनका खाना खाते नजर आए थे.

बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कानूनों (Farm Laws) पर बैठक में चर्चा हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. अगली चर्चा में समाधान की उम्मीद है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री और पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता की.

‘हम या तो मरेंगे या जीतेंगे’

सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि अब फैसला सुप्रीम कोर्ट करे तो बेहतर है. सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही.

वहीं बैठक के दौरान कुछ किसान बैठक में तख्ती लिए थे. जिसपर लिखा था, ‘हम या तो मरेंगे या जीतेंगे.’ बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि बैठक के दौरान तीखी बहस हुई. हमने कहा कि हम कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं. हम किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, हम लड़ाई जारी रखेंगे. 26 जनवरी को हमारी परेड योजना के अनुसार होगी. बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार 44वें दिन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है.

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